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तिब्बत नीति और समर्थन अधिनियम का अमेरिकी सदन में पारित

January 28, 2020

तिब्बतन पॉलिसी एंड सपोर्ट ऐक्ट (टीपीएसए) अमेरिकी कांग्रेस से आधा पारित हो गया है। आज कांग्रेस की प्रतिनिधि सभा ने इस विधेयक को भारी मतों से मंजूरी दे दी है। इस कानून का एक व्यापक हिस्सा नाटकीय ढंग से तिब्बत में अमेरिका के राजनीतिक और मानवतावादी समर्थन को मजबूत करनेवाला है। साथ ही यह कानून दलाई लामा के उत्तराधिकार में हस्तक्षेप करने वाले चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगानेवाला भी है।
टीपीएसए को अब सीनेट में पारित कराने पर सारा ध्यान केंद्रित होगा, जहां इसे सीनेटर मार्को रूबियो (फ्लोरिडा से रिपब्लिकन) और सीनेटर बेन कार्डिन (एमडी के डेमोक्रेट) द्वारा पेश किया गया है। प्रतिनिधि जेम्स मैकगवर्न (मैसाट्यूसेट्स से डेमोक्रेट) बिल के बारे में सदन को बताया जिसके सह प्रायोजक प्रतिनिधि क्रिस स्मिथ (न्यू जर्सी के रिपब्लिकन) थे।
टीपीएसए की सफलता तिब्बती- अमेरिकियों और अन्य तिब्बत समर्थकों की सहायता से मिली है, जिसमें इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत के सदस्य भी शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस में सांसदों को इस विधेयक का समर्थन करने की अपील करते हुए अब तक 12,000 से अधिक मैसेज भेजे हैं।

इस विधेयक में क्या है

टीपीएसए तिब्बत पर अमेरिकी नीति के लिए एक बड़ बदलाव का प्रतीक है। यह तिब्बतन पॉलिसी ऐक्ट- 2002 के आधार पर अधिनियमित होगा। इस कानून के अमेरिका की यह आधिकारिक नीति बन जाएगी कि भावी दलाई लामा सहित तिब्बती बौद्ध लामाओं का चयन तिब्बती बौद्ध समुदाय की इच्छाओं और वर्तमान दलाई लामा के निर्देशों से होगा। इसमें चीनी सरकार का किसी प्रकार का हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं होगा।
यह भविष्य में दलाई लामा को नियुक्त करने का प्रयास करनेवाले चीनी अधिकारियों को भी अमेरिका में प्रतिबंधित करेगा। इन प्रतिबंधों में उन चीनी अधिकारियों की अमेरिका में जमा संपत्तियों को जब्त कर लिया जाएगा और उनके अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाई जा सकती है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी तिब्बती बौद्धों की स्वतंत्रता के लिए समर्थन जुटाने का काम करेगा जिसमें चीनी सरकार के हस्तक्षेप के बिना तिब्बतियों को अपने आध्यात्मिक नेता के चयन के अधिकार दिलाने के दिशा में भी समर्थन जुटाने का काम करेगा।
इस कानून के प्रावधानों के तहत तिब्बत की राजधानी ल्हासा में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास खोले जाने की अनुमति मिलने तक चीन को अमेरिका में कोई भी नया वाणिज्य दूतावास खोलने से मना किया जा सकता है।
इस कानून में तिब्बत में जल सुरक्षा और पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर ध्यान दिया गया है। तिब्बत में गर्मी वैश्विक औसत से लगभग तीन गुना अधिक बढ़ रही है जो एशिया में एक अरब से अधिक आबादी को पानी उपलब्ध कराता है।
यह तिब्बत में रहने वाले तिब्बतियों और निर्वासित तिब्बतियों के लिए कम से कम 2025 तक के लिए मानवीय परियोजनाओं के लिए धन का औपचारिक प्रबंध करता है।
इस कानून में सरकार की लोकतांत्रिक प्रणाली को अपनाने के लिए दलाई लामा और निर्वासित तिब्बतियों की सराहना की गई है।

आगे क्या होगा
टीपीएसए का सीनेट संस्करण अनुमोदन के लिए सीनेट की विदेशी मामलों की समिति के समक्ष है।
यहां से पारित होने के बाद, विधेयक को पूरे सीनेट से पारित कराने की आवश्यकता होगी। सदन और सीनेट संस्करणों के पारित होने के बाद जरूरत पड़ी तो दोनों में सामंजस्य स्थापित किया जाएगा। इसके बाद इसे राष्ट्रपति ट्रंप के पास उनके हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति का हस्ताक्षर हो जाने के बाद यह कानून बन जाएगा।

तिब्बत के लिए लॉबी!
इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत द्वारा 23-24 मार्च को आयोजित ‘तिब्बत लॉबी डे-2020’ के अवसर पर तिब्बती अमेरिकी और अन्य तिब्बत समर्थक इस विधेयक को पारित कराने के पक्ष में माहौल बनाएंगे।
इस अवसर पर समर्थक कैपिटल हिल और देश भर के कांग्रेस कार्यालयों में जाकर टीपीएसए कानून को पारित कराने के लिए अभियान चलाएंगे और सीनेटरों से इसकी पैरवी करेंगे।
प्रतिभागी कांग्रेस के सदस्यों से तिब्बत में पारस्परिक पहुंच सुनिश्चित कराने की मांग करेंगे और तिब्बत के पर्यावरण की रक्षा में मदद करने का आह्वान करेंगे।

सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी (कैलिफार्निया से डेमोक्रेट):
“आज, सदन इन बढ़ते खतरों को दूर करने के लिए इस पॉलिसी ऐक्ट को अद्यतन और मजबूत करने के लिए कार्रवाई कर रहा है। हम औपचारिक रूप से अमेरिकी नीति घोषित करके तिब्बती लोगों के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार और वास्तविक स्वायत्तता के अधिकार के साथ तिब्बती बौद्ध समुदाय को 15वें दलाई लामा सहित अपने धार्मिक गुरुओं को चुनने के विशेष अधिकार का समर्थन करते है। चीनी सरकार को यह सोचना चाहिए कि क्या उन्हें तिब्बती बौद्धों का अगला दलाई लामा चुनना चाहिए। हम बीजिंग को एक स्पष्ट संकेत भेज रहे हैं कि उन्हें तिब्बत के धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा, जिसमें यह साफ है कि नए दलाई लामा के चयन की प्रक्रिया में बाधा डालने वाले चीनी अधिकारी पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। उन पर वैश्विक मैग्निट्स्की कानून भी लागू किया जाएगा। हम चीन के पर्यावरण की रक्षा कर रहे हैं- ओह, माफ कीजिए- हम तिब्बत की रक्षा कर रहे हैं, जो चीन के अधीन है। हम तिब्बती पठार के पर्यावरण और जल संसाधनों की सुरक्षा में तिब्बती लोगों की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकारों और व्यापारिक समुदाय के साथ काम करते हुए तिब्बत के पर्यावरण और सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा करेंगे। यह वास्तव में हमारी इस पृथ्वी पर स्थिरता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह कानून तिब्बती नेताओं और बीजिंग के बीच वास्तविक बातचीत को प्रोत्साहित करने के लिए अमेरिका की राजनयिक जिम्मेदारी को भी बताता है। यह अस्वीकार्य है कि चीनी सरकार अभी भी तिब्बती नेताओं के साथ बातचीत करने से इनकार करे। चीन को इसके लिए जवाबदेह ठहराने के लिए कांग्रेस को कार्रवाई करते रहनी चाहिए।‘

तिब्बतन पॉलिसी एंड सपोर्ट ऐक्ट पेश करनेवाले प्रतिनिधि (मैसाट्यूसेट्स के डेमोक्रेट) जेम्स मैकगवर्न

यह आवश्यक है कि तिब्बत को लेकर अमेरिकी नीति को अद्यतन और मजबूत किया जाए। और आज हम जिस विधेयक पर विचार कर रहे हैं इससे अमेरिका की यह नीति स्थापित होगी कि भविष्य के 15वें दलाई लामा सहित तिब्बती बौद्ध लामाओं का उत्तराधिकार या पुनर्जन्म एक विशेष धार्मिक गतिविधि है, जिसे पूरी तरह से तिब्बती बौद्ध समुदाय द्वारा पूरा किया जाना चाहिए। इससे स्पष्ट संदेश जाएगा कि उत्तराधिकार या पुनर्जन्म प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने वाले चीनी अधिकारियों पर वित्तीय, आर्थिक और वीजा-संबंधी प्रतिबंधों को लागू किया जाएगा, जिनमें वैश्विक मैग्निट्स्की ऐक्ट भी शामिल है। यह कानून अमेरिकी विदेश मंत्रालय को यह शक्ति प्रदान करेगा कि वह तिब्बत मुद्दे पर एक समन्वयक की तैनाती करे। साथ ही इस मुद्दे पर वास्तविक बहुपक्षीय बातचीत को बढ़ावा देने के लिए काम करे। इस कानून के तहत प्रावधान है कि अमेरिका में कोई नया चीनी वाणिज्य दूतावास तब तक नहीं खोलने दिया जाएगा जब तक कि तिब्बत की ऐतिहासिक राजधानी ल्हासा में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास खोलने की अनुमति चीन नहीं दे देता है।

कानून विदेश मंत्रालय को यह निर्देश देता है कि तिब्बती पठार के पर्यावरण और जल संसाधनों की रक्षा के लिए सहयोगी, बहुराष्ट्रीय प्रयासों को शुरू करने के लिए वह प्रयास करे और तिब्बती निर्वासित समुदाय में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली का समर्थन करें- अमेरिकी लोग तिब्बती लोगों के साथ खड़े होकर दृढता से उनके साथी बने रहेंगे।‘


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