भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

तिब्बतियों के कब्जे पक्के करे सरकार।

February 5, 2011

केंन्द्रीय लघु उधोग मंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि तिब्बतियों के बेनामी जमीनी सौदों को नियमित कर देना चाहिए । उन्होंने करमापा मामले में हिमाचल पुलिस की कार्रवाई को गलत करार दिया है। उनका कहना है कि एक लाख तिब्बति नागरिक हमें क्यों चुभने लग पडे है। उन्होंने कहा कि हिंदोस्तान में पैदा हुए तिब्बती समुदाय के लोग अब भारतीय नगारिकता के भी हकदार है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि बौद्ध धर्म में तीसरे पायदान के महागुरु करमापा को हिमाचल पुलिस बदनाम कर रही है। उनका कहना है कि तिब्बतियों की बढाती हुई संख्या को देखते हुए हिमाचल में उन्हें और जमीन दी जानी चाहिए । केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को दिल्ली से शाहपुर के बोह में एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कांगडा पहुंचे । इस दौरान गगल एयरपोर्ट में पत्रकारवार्ताके दौरान केंद्रीय मंत्री ने करमापा मामले पर हो रही कार्रवाई के लिए जांच एजेंसियों को खूब खरी – खोटी सुनाई । वीरभद्र सिंह ने कहा कि बौद्ध धर्म के सर्वाच्च गुरु दलाई लामा देश के सम्माननीय मेहमान है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि करमापा चीन के जासूस नही है। वह तो केवल धर्मगुरु है । वीरभद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल पुलिस अव्यावहारिक कार्रवाई करके करमापा का नाम उछाल रही है। उनका कहना है कि वह जांज का विरोध नहीं करते , लेकिन इसके साथ गरिमा का भी ध्यान रखना चाहिए । उन्होंने कहा कि तिब्बतियों को उम्मीद है कि तिब्बत में भी लोकतंत्र बहाल होगा और वह अपने वतन लौटेंगे । वीरभद्र सिंह का कहना है कि पांच दशक पहले तिब्बती समुदाय के लोग मजबूरी में आए थे । उन्होंने कहा कि इन मेहमानों को अब बढती आबादी के साथ जमीन की भी जरुरतें पडनी लगी है। उन्होंने कहा कि तिब्बतियों को जरुरत अनुसार जमीन तथा अन्य सुविधाएं देना राज्य का दायित्व है। उनका कहना है कि अगर प्रदेश सरकार उन्हें जमीन नहीं देगी , तो बेनामी डील करना उनकी मजबूरी है। वीरभद्र का कहना है कि प्रदेश भर में बेनामी लैंड डील हो रही है । ऐसे में सिर्फ तिब्बतियों को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है। वहीं केद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह ने मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल से उनका स्टेटस पूछा है । उनका कहना है कि तिब्बतियों का स्टेटस पूछने वाले मुख्यमंत्री पहले अपना स्टेटस बताएं कि वह हिमाचली है या पंजाबी। करमापा करंसी मामले में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वीरभद्र सिंह ने कहा कि धूमल सरकार तिब्बतियों पर ज्यादती कर रही है।


विशेष पोस्ट

परम पावन दलाई लामा लेह के सिंधु घाट पर उत्सवी दोपहर भोज में शामिल हुए

22 Aug at 9:36 am

लुधियाना के तिब्बती व्यापारी संघ ने परम पावन दलाई लामा के सम्मान में ‘करुणा वर्ष’ और भारत का ७९वां स्वतंत्रता दिवस मनाया

18 Aug at 10:55 am

लेह स्थित लद्दाख बौद्ध संघ और लद्दाख गोंपा संघ की दीर्घायु प्रार्थना में शामिल हुए परम पावन दलाई लामा १७ अगस्त, २०२५

17 Aug at 10:32 am

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने वाराणसी में केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान का दौरा किया, नामांकन में गिरावट पर चिंता व्यक्त की

11 Aug at 9:40 am

चिली में सार्वजनिक व्याख्यान “तिब्बत की प्रतिध्वनियाँ: निर्वासन में संस्कृति और परंपरा के माध्यम से पहचान को बनाए रखना” के माध्यम से तिब्बती संस्कृति और वकालत पर प्रकाश डाला गया

10 Aug at 10:51 am

संबंधित पोस्ट

चीन कॉलेज प्रवेश परीक्षा में तिब्बती भाषा को प्रतिबंधित करेगा

4 weeks ago

तिब्बत की नदी पर जल-युद्ध तेज करने की चीनी रणनीति

4 weeks ago

तिब्बती राजनीतिक नेता ने दलाई लामा के पुनर्जन्म पर चीनी राजदूत की टिप्पणी की निंदा की

1 month ago

दलाई लामा का पुनर्जन्म नास्तिक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) का कोई मामला नहीं है।

1 month ago

‘पिंजरे में बंद पक्षी के समान’: चीन इसी तरह तिब्बतियों के स्वतंत्र आवागमन को प्रतिबंधित करता है

3 months ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service