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तिब्बती प्रधानमंत्री चीन के साथ चाहते हैं संवाद

August 9, 2012

हिन्दुस्तान, 8 अगस्त, 2012

निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री लोबसांग सांगय ने बुधवार को एक बार फिर चीन के साथ तिब्बत के मुद्दे पर जल्द संवाद शुरू करने की वकालत की है, लेकिन उन्होंने चीन पर आत्मदाह प्रदर्शनों को भड़काने का आरोप भी लगाया है।

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के निर्वाचित प्रमुख ने अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा करने के बाद यहां कहा, ”हम आपसी लाभ के आधार पर तिब्बत के मुद्दे सुलझाने के लिए मध्यमार्गी दृष्टिकोण और संवाद प्रक्रिया के लिए वचनबद्ध हैं।”

सांगय ने कहा कि बातचीत पर गठित तिब्बती कार्यबल की पिछले आठ महीने में दो बैठकें हो चुकी हैं और चीन के नए नेतृत्व के साथ संवाद प्रक्रिया जारी रखने के लिए दिसम्बर में कार्यबल की फिर बैठक होगी।

 

सांगय ने कहा, ”अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन सहित प्रमुख नेताओं ने तिब्बत के मुद्दे पर गम्भीर संवाद जारी रखने के लिए चीन सरकार से आग्रह किया है।” सांगय हाल ही में अमेरिका से लौटे हैं। वहां उन्होंने अमेरिकी विदेश उपमंत्री मारिया ओटेरो सहित ओबामा प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी।

तिब्बत की जायज स्वायत्तता के लिए चीन के साथ बातचीत हेतु नए दूतों की नियुक्ति के मुद्दे पर सांगय ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”जरूरत पड़ने पर हम किसी भी समय दूतों की नियुक्ति करने के लिए तैयार हैं।”

तिब्बती प्रधानमंत्री ने कहा, ”हमें पता है कि चीनी नेतृत्व अपनी आंतरिक राजनीति में अधिक व्यस्त है। जब वे इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक अर्थपूर्ण संवाद में शामिल होने की इच्छा जाहिर करेंगे और इस तरफ ध्यान देंगे, हम हमेशा इसके लिए तैयार रहेंगे।”

दलाई लामा द्वारा राजनय और सक्रिय राजनीति से अलग होने के बाद प्रधानमंत्री का पद अधिक जिम्मेदारी वाला और महत्वपूर्ण हो गया है।

पुरानी पीढ़ी के कठिन परिश्रम को सिर माथे चढ़ाते हुए सांगय ने कहा कि तिब्बत आंदोलन की बुनियाद बहुत मजबूत है। उन्होंने कहा, ”इसने चीनी सरकार के उन दावों को एक स्पष्ट संकेत दिया है जिनमें कहा गया है कि पुरानी पीढ़ी के जाने के बाद तिब्बत आंदोलन बिखर जाएगा।”

तिब्बत में आत्मबलिदान की घटनाओं पर दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने तिब्बतियों से आग्रह किया है कि उन्हें इस तरह के घातक विरोध प्रदर्शनों से विरत रहना चाहिए।

सांगय ने कहा, ”हम चीन सरकार की दमनकारी नीतियों को इस त्रासदपूर्ण घटनाक्रम के लिए अकेले जिम्मेदार मानते हैं।”

हारवर्ड शिक्षित सांगय (43) ने सामदोंग रिनपोछे (74) से निर्वासित सरकार की कमान अपने हाथ में ली थी। रिनपोछे 10 वर्षो तक इस पद पर काबिज रहे थे।


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