भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

तिब्बती मठों की तलाशी के दौरान चीनी अधि‍कारी भिक्षुओं से दलाई लामा से संबंध त्याग की घोषणा करने को कह रहे हैं

June 26, 2023

यह कदम उस आदेश के अनुरूप है, जिसके तहत लोकसेवकों को निर्वासित आध्यात्मिक नेता के साथ संबंध तोड़ना आवश्यक तय किया गया है।

rfa.org / संग्याल कुंचोक

निर्वासन में रह रहे तिब्बती सूत्रों ने रेडियो फ्री एशिया को बताया कि तिब्बत में चीनी अधिकारी बेतरतीब ढंग से मठों की तलाशी ले रहे हैं और भिक्षुओं को तिब्बती बौद्ध धर्म के सबसे प्रमुख आध्यात्मिक नेता ‘अलगाववादी’ दलाई लामा से सभी संबंध त्यागने वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

दलाई लामा को चीनी नेताओं द्वारा व्यापक रूप से तिब्बत को विभाजित करने के अलगाववादी इरादे के रूप में माना जाता है। तिब्‍बत एक स्वतंत्र राष्ट्र था, जिस पर १९५० में बीजिंग ने बलपूर्वक आक्रमण किया और चीन में शामिल कर लिया था।

अब भारत में निर्वासन में रह रहे दलाई लामा केवल इतना कहते हैं कि वह चीन के एक हिस्से के रूप में तिब्बत के लिए अधिक स्वायत्तता चाहते हैं, जिसमें तिब्बत की भाषा, संस्कृति और धर्म की सुरक्षा की गारंटी हो।

आरएफए ने पिछले साल रिपोर्ट दी थी कि चीन ने आधिकारिक सरकारी पदों पर काम करने वाले तिब्बतियों को नौकरी पाने की शर्त के रूप में दलाई लामा से सभी संबंधों को त्यागने की आवश्यकता बताना शुरू कर दिया है। ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारी मठों पर भी इस नियम को लागू कर रहे हैं।

निर्वासन में रह रहे एक तिब्बती ने सुरक्षा कारणों से नाम न छापने का अनुरोध करते हुए आरएफए की तिब्बती सेवा को बताया कि इस महीने की शुरुआत में चीनी अधिकारियों ने सुरक्षा बनाए रखने के आधार पर शेंछा (चीनी भाषा में शेनझा) और सोक (सुओ) काउंटियों में मठों की तलाशी ली।

निर्वासित तिब्‍बती ने कहा, ‘अधिकारी भिक्षुओं के सभी आवासों और मठों के मुख्य मंदिरों की तलाशी ले रहे हैं। शरछा मठ के भिक्षुओं को भी परम पावन दलाई लामा के साथ संबंध त्यागने और दलाई लामा विरोधी समूहों का हिस्सा बनने के लिए मजबूर किया जाता है।‘

आरएफए को तिब्बत से प्राप्त एक तस्वीर में शरछा के भिक्षु दीवार पर लगे एक बोर्ड पर हस्ताक्षर करते नजर आ रहे हैं। बोर्ड पर लिखा गया है कि ‘हम दलाई लामा गुट के विरोध में सख्ती से भाग लेंगे और देश (चीन) के प्रति वफादार और समर्पित रहेंगे। ‘एक अन्य निर्वासित तिब्बती ने नाम बताने से इनकार करते हुए कहा, ‘अपनी तलाशी अभियान में अधिकारी भिक्षुओं की प्रार्थना पांडुलिपियों और पुस्तकों की जांच कर रहे हैं और मंदिरों से प्रार्थना झंडे हटा रहे हैं।‘दूसरे निर्वासित ने कहा, ‘उन्होंने इन औचक तलाशी शुरू करने से पहले किसी भी प्रकार की चेतावनी नहीं दी।‘ इन मठों में भिक्षुओं को एक बैठक के लिए बुलाया गया जहां उन्हें दलाई लामा और अलगाववाद को त्यागने वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया।


विशेष पोस्ट

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

13 May at 10:44 am

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

9 May at 11:40 am

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

9 May at 10:26 am

दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों का यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में कड़ा विरोध

8 May at 9:05 am

परम पावन दलाई लामा ने दीर्घायु प्रार्थना में भाग लिया

7 May at 9:10 am

संबंधित पोस्ट

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने टीसीसीसी तिब्बती भाषा एवं संस्कृति स्कूल में तिब्बतियों को संबोधित किया

2 days ago

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने बेलेविले-ट्रेंटन तिब्बती समुदाय का पहला आधिकारिक दौरा किया

2 days ago

सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग ने अपर टीसीवी स्कूल में 11वें पंचेन लामा के जबरन गायब होने की 30वीं वर्षगांठ मनाई

4 days ago

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने कनाडाई संसद सदस्य य्वोन बेकर से मुलाकात की

4 days ago

सांसद तेनपा यारफेल और फुरपा दोरजी ग्यालधोंग ने नेपाल में दोथांग नोरज़िनलिंग का दौरा किया

5 days ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service