भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

तिब्बीत के भिक्षु शेरसांग ग्याात्सो् ने चीनी दमन के विरोध में सांग मठ में आत्मबहत्याभ की

August 25, 2025

तिब्बीत के भिक्षु शेरसांग ग्याात्सो् ने चीनी दमन के विरोध में सांग मठ में आत्मबहत्याभ की

धर्मशाला। चीनी अधिकारियों ने तिब्बत में मठों पर प्रतिबंध और कड़े कर दिए हैं। सांग मठ (तिब्बती: གཙང་དགོན་པ།) से १८ वर्ष से कम आयु के सभी भिक्षुओं को निष्कासित कर दिया गया है और भिक्षुओं पर कड़े नियंत्रण और भारी दबाव डाले जा रहे हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, इन सख्त उपायों के विरोध में वरिष्ठ भिक्षु शेरसांग ग्यात्सो ने मठ में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।

१८ अगस्त को, तिब्बत के पारंपरिक प्रांत अमदो के बा काउंटी में सांग मठ की प्रशासनिक समिति के प्रमुख तिब्बती भिक्षु शेरसांग ग्यात्सो ने मठ की दुकान की ऊपरी मंजिल पर आत्महत्या कर ली। उनकी आयु ५२ वर्ष थी। उनकी मृत्यु चीनी सरकार द्वारा लगाए गए कड़े प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि में हुई है, जिससे भिक्षुओं, विशेषकर नेतृत्वकारी पदों पर आसीन भिक्षुओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि मठ और आसपास के तिब्बती समुदाय अभी भी सख्त सरकारी नियंत्रण में हैं, जिससे घटना के बारे में विस्तृत जानकारी और फोटो साक्ष्य उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।

परम पावन दलाई लामा के ९०वें जन्मदिन के आसपास के दिनों में चीनी अधिकारियों ने सांग मठ में गहन जांच-पड़ताल की, जहां पुलिस ने भिक्षुओं के आवासों की कमरे-दर-कमरे तलाशी ली। अधिकारियों ने कथित तौर पर कुछ भिक्षुओं के पास मिली परम पावन दलाई लामा की तस्वीरें जब्त कर लीं। तलाशी के बाद मठ पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए और भिक्षुओं की आवाजाही पर भारी प्रतिबंध लगा दिया गया। अधिकारियों ने १८ वर्ष से कम आयु के सभी भिक्षुओं को मठ से निष्कासित भी कर दिया।

अधिकारियों ने परम पावन दलाई लामा के जन्मदिन के बाद एक और तिब्बती मठ पर प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया है। २० जुलाई से शुरू होने वाले प्रतिबंधों में भिक्षुओं के घर की लगातार तलाशी और अनिवार्य दैनिक राजनीतिक विचारधारा सत्र शामिल हैं। इन कार्रवाइयों ने भिक्षुओं की पारंपरिक धार्मिक रिवाजों में स्वतंत्र रूप से शामिल होने की क्षमता को गंभीर रूप से बाधित किया है, जिससे उनके आध्यात्मिक जीवन में सरकारी हस्तक्षेप पर व्यापक दुःख और आक्रोश फैल गया है। विशेष रूप से दलाई लामा के जन्मदिन के दौरान, खानाबदोश समुदायों द्वारा भिक्षुओं को अनुष्ठान करने और प्रार्थना करने के लिए आमंत्रित करने की लंबे समय से चली आ रही रीति पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह रीति विशेष रूप से पांचवें और छठे तिब्बती महीनों में मनाई जाती है। भिक्षुओं को इन समुदायों का दौरा करने से रोक दिया गया था, जिससे भिक्षुओं और खानाबदोशों दोनों को उनकी धार्मिक स्वतंत्रता से वंचित किया गया और गहरी सांस्कृतिक परंपराओं को कम किया गया।

आदरणीय शेरसांग ग्यात्सो का जन्म पारंपरिक अमदो प्रांत के माल्हो क्षेत्र (चीनी: हुआंगनान तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर) के सोग्जोंग काउंटी के अरिग गांव में हुआ था। उन्होंने सांग मठ के पांच पारंपरिक महाविद्यालयों में से एक- ग्यूपा महाविद्यालय में अध्ययन किया और वहां के हजारों भिक्षुओं के बीच एक उत्कृष्ट साधक के रूप में अपनी पहचान बनाई। उनकी शिक्षा और नैतिक निष्ठा की समान रूप से प्रशंसा की गई। सांग मठ स्वयं तीन प्रमुख क्षेत्रों- माल्हो (चीनी: हुआंगनान तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर), त्सोल्हो (हैनान तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर), और गोलोग (गुओलोउ तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर) के भिक्षुओं का आश्रय और साधना स्थल है।

तिब्बतियों की धार्मिक स्वतंत्रता पर, विशेष रूप से परम पावन दलाई लामा के ९०वें जन्मदिन के आसपास, चीन की कार्रवाई उसके द्वारा तिब्बतियों के मौलिक अधिकारों के सुनियोजित उल्लंघन को दर्शाती है, जिसमें बड़े पैमाने पर निगरानी, हिरासत और धार्मिक रीति-रिवाजों पर प्रतिबंध शामिल हैं। चीनी अधिकारियों ने करजे के मठों में भिक्षुओं और भिक्षुणियों को नजरबंद कर दिया, संगसोल धूपबत्ती जैसे पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठानों पर प्रतिबंध लगा दिया और तिब्बतियों को उनके परिवारों को बताए बिना हिरासत में ले लिया। कीर्ति सहित मठों पर छापे मारे गए, पूछताछ की गई और कीर्ति रिनपोछे जैसे मठ के पूजनीय नेताओं की तस्वीरें और शिक्षाएं रखने को ‘राजनीतिक अपराध’ घोषित करने की धमकियां दी गईं। धार्मिक समूहों को तोड़ दिया गया, सभाओं में केवल पांच भिक्षुओं के जाने की अनुमति दी गई और तिब्बतियों को निजी जन्मदिन समारोहों की तस्वीरें भी जमा करने के लिए मजबूर किया गया। ल्हासा और अन्य क्षेत्रों में सशस्त्र सुरक्षा बलों तैनाती ने तिब्बतियों के परम पावन दलाई लामा से संबंध तोड़ने और आस्था की अभिव्यक्ति को दबाने के चीनी सरकार के व्यापक अभियान को मजबूत किया। यह सब कार्रवाइयां अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों और यहां तक कि चीन के अपने संविधान का भी सीधा उल्लंघन है।

–
सीटीए के डीआईआईआर में तिब्बत एडवोकेसी अनुभाग में संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और मानवाधिकार डेस्क द्वारा तैयार रिपोर्ट


विशेष पोस्ट

हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश से हुए नुकसान पर दुख व्यक्त किया गया

9 Sep at 10:50 am

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने 65वां तिब्बती लोकतंत्र दिवस मनाया

3 Sep at 10:45 am

पैंसठवें तिब्बती लोकतंत्र दिवस पर निर्वासित तिब्बती संसद का वक्तव्य

2 Sep at 10:32 am

परम पावन दलाई लामा लद्दाख में डेढ़ महीने से अधिक के प्रवास के बाद सुरक्षित धर्मशाला लौटे

2 Sep at 9:56 am

तिब्बती लोकतंत्र दिवस की पैंसठवीं वर्षगांठ पर कशाग का वक्तव्य

2 Sep at 9:38 am

संबंधित पोस्ट

स्वास्थ्य सचिव ने कांगड़ा जिले के नए मुख्य चिकित्सा अधिकारी से शिष्टाचार भेंट की

4 days ago

जापान में तिब्बती समुदाय ने टोक्यो नमस्ते इंडिया महोत्सव में भाग लिया

4 days ago

सांसद जुचेन कुंचोक चोडन और खेनपो काडा नगेदुप सोनम ने कारगिल का दौरा किया

5 days ago

सांसद जुचेन कुंचोक चोडन और खेनपो काडा नगेदुप सोनम ने श्रीनगर का दौरा किया

7 days ago

प्रतिनिधि कर्मा सिंगे ने तिब्बती कलाकार तेनज़िन चोएग्याल को 2025 ARIA अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ विश्व संगीत एल्बम के लिए नामांकित होने पर बधाई दी

7 days ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service