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दलाई लामा को मानद डॉक्टरेट

November 25, 2010

[गुरुवार, 25 नवम्बर, 2010 | स्रोत : Todays 24.com] नई दिल्ली/धर्मशाला , 23 नवंबर 2010 दलाई लामा को मंगलवार को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई। समारोह में मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और जामिया के कुलपति नजीब जंग भी मौजूद थे। दलाई लामा को डॉक्टरेट की उपाधि देने का कार्यक्रम पहले ही निर्धारित था, लेकिन समझा जाता है कि चीन के साथ कूटनीतिक संबंधों के मद्देनजर तिब्बत के इस आध्यात्मिक नेता को यह उपाधि प्रदान नहीं की जा सकी। आज एक कार्यक्रम में उन्हें यह उपाधि प्रदान की गई। तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा कि शिक्षक हमें मानवता, अहिंसा, शांति और परोपकार का पाठ पढ़ाते हैं। हमें उनका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में शांति और सद्भाव का खास महत्व है। इसी से मानवीय मूल्यों का विकास संभव है। वह विश्व में शांति और खुशहाली चाहते हैं। यही उनके जीवन की सबसे बड़ी कामना है। तिब्बत के 14वें दलाईलामा तेनजिन ग्यात्सो मंगलवार की शाम जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में आयोजित वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्हें डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। पढ़ाई पूरी कर चुके छात्रों को उन्होंने भावी जीवन की चुनौतियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि छात्र आत्मविश्वास के बल पर चुनौतियों को आसानी से पार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म बुरा नहीं है। सभी धर्मो का हमें आदर करना चाहिए। सभी धर्मो का मकसद शांति है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री व समारोह के मुख्य अतिथि कपिल सिब्बल ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में जामिया का स्थान सबसे ऊपर है। यहां की शिक्षा और परंपरा का कोई सानी नहीं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उन्होंने अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव पास किया है। आगे के जीवन में उनके सामने कई तरह की चुनौतियां आएंगी। इन निजी व सार्वजनिक समस्याओं से लड़ने के लिए खुद को सक्षम बनाना होगा। परिवार और समाज को आपसे बहुत अपेक्षा है। इस पर खरा उतरने के लिए काफी प्रयास करने की जरूरत है। डिग्री अच्छे जीवन में सहयोग तो करेगी, लेकिन अच्छे व बुरे का चुनाव विवेक से करना होगा। उन्होंने विश्व की स्थितियों पर चर्चा की और कहा कि आने वाले समय में आतंकवाद, सुरक्षा और वातावरण परिवर्तन के साथ ही पानी और भोजन की बड़ी समस्या सामने आएगी। हमें सजग रहना होगा। जामिया के कुलपति नजीब जंग ने छात्रों से उम्मीद की कि वे आने वाले जीवन में मानवता का प्रतीक बनेंगे और विश्वविद्यालय के नाम को रोशन करने में प्रयत्नशील रहेंगे। दीक्षांत समारोह में वर्ष 2008-09 में परास्नातक, स्नातक और विभिन्न पाठ्यक्रमों में सफल 3,529 छात्रों को डिग्री व डिप्लोमा वितरित किए गए। विश्वविद्यालय की ओर से विभिन्न पाठ्यक्रमों में सर्वश्रेष्ठ 147 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। 127 शोध छात्रों को पीएचडी की डिगी दी गई।


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