भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

‘नस्लीय एकीकरण’ अनिवार्य बनानेवाले नए कानून से तिब्बत में चिंता बढ़ी

January 15, 2020

चीन द्वारा तिब्बत के राजकीय और सामाजिक संस्थानों में ‘नस्लीय एकीकरण’ करने के लिए पारित एक नए कानून से तिब्बतियों और बाहर के पर्यवेक्षकों के बीच चिंता बढ़ गई है। इनका कहना है कि इस कानून से तिब्बती लोगों की राष्ट्रीय पहचान उनकी ऐतिहासिक मातृभूमि में ही नष्ट हो जाएगी।
चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) की विधायिका द्वारा शनिवार को पारित और 1 मई को प्रभावी होने के लिए तैयार कानून ने तिब्बती कार्यकर्ताओं के साथ ही अमेरिकी अधिकारियों और राजनेताओं को तत्काल आलोचना के लिए प्रेरित कर दिया है। इन आलोचकों का कहना है कि तिब्बत पहले से ही अपनी संस्कृति और धर्म के चीनीकरण को लेकर अपार दबाव झेल रहा है। इस कानून से उनके बौद्ध धर्म का पालन करने और मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति को सुधारने की गुंजाइश और अधिक संकीर्ण हो जाएंगी।
चीन में धार्मिक स्वतंत्रता पर नजर रखने वाली ऑनलाइन बिटर विंटर पत्रिका के निदेशक मार्को रेपिंटी ने आरएफए की तिब्बती सेवा से कहा कि चीन अब तिब्बती लोगों को चीन में वर्चस्व रखनेवाली ‘हान’ नस्ल की संस्कृति में ‘एकाकार’ करने की कोशिश कर रहा है। इसे चीन सरकार ‘चीनीकरण’ का नाम दे रही है।
उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी सरकारों, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका को इस सांस्कृतिक संहार के खिलाफ अपनी आवाज उठानी चाहिए और अपने सार्वजनिक बयानों में तिब्बती मुद्दे को उजागर करना चाहिए।‘
सरकारी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ‘रेगुलेशन ऑन द एस्टेब्लिशमेंट ऑफ ए मॉडल एरिया फॉर एथनिक यूनिटी एंड प्रोग्रेस इन द तिब्बत ऑटोनॉमस रिजन (तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में नस्लीय एकीकरण और प्रगति के लिए एक मॉडल क्षेत्र की स्थापना पर विनियम)’ शीर्षक वाला नया कानून सरकार के सभी स्तरों, सरकारी नौकरियों, स्कूलों, निजी व्यावसायिक कंपनियों, धार्मिक केंद्रों और सेना में गैर-तिब्बती समूहों की तिब्बतियों के बराबर भागीदारी का प्रावधान करता है।‘
यह कानून कहता है, ‘तिब्बत प्राचीन काल से ही महान (चीनी) मातृभूमि का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। यह ऐसी भाषा है जो तिब्बतियों को और भड़काती है। क्योंकि इतिहास में तिब्बत पर चीन का कब्जा बहुत ही कम समय के लिए रहा है, वह भी तब, जब 1950 में चीनी कम्युनिस्ट सैनिकों ने चीन पर आक्रमण कर उस पर कब्जा कर लिया। इसमें कहा गया है कि चीन के सभी नस्लीय समूह ‘चीनी परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य’ हैं और उन्हें राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने और अलगाववाद से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
इस बीच नए कानून का अनुच्छेद 23 में प्रावधान किया गया है कि ग्राम समितियों और स्थानीय समुदायों को ‘राष्ट्रीय एकता और प्रगति के एक मॉडल की स्थापना को मजबूत’ करना होगा। इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि गाँव के नियमों और पारस्परिक सहयोग या संविदा का पुनर्गठन किया जाना चाहिए ताकि वे आपसी सम्मान, सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व के संबंध, एकजुटता और परस्पर सहायता करने में सक्षम हों सकें।‘
नए कानून के अनुच्छेद 11 में कहा गया है कि हर मामले में नस्लीय अल्पसंख्यक संस्कृति को एक बड़े ‘क्रांतिकारी और समाजवादी’ चीनी संस्कृति के अविभाज्य अंग के रूप में दिखना चाहिए। हालांकि, ‘चीनी संस्कृति हमेशा तिब्बत के सभी नस्लीय- जातीय समूहों का भावनात्मक समर्थन करनेवाली, आध्यात्मिक गंतव्य और आध्यात्मिक मातृ संस्कृति है।‘
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट समाचार पत्र ने 13 जनवरी को एक रिपोर्ट प्रकाशित किया था कि किन्हाई और युन्नान जैसी बड़ी तिब्बती आबादी वाले पश्चिमी चीनी प्रांतों ने पिछले साल इसी तरह के कानूनों को मंजूरी दी थी।


विशेष पोस्ट

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

13 May at 10:44 am

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

9 May at 11:40 am

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

9 May at 10:26 am

दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों का यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में कड़ा विरोध

8 May at 9:05 am

परम पावन दलाई लामा ने दीर्घायु प्रार्थना में भाग लिया

7 May at 9:10 am

संबंधित पोस्ट

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

2 weeks ago

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

2 weeks ago

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

2 weeks ago

दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों का यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में कड़ा विरोध

2 weeks ago

परम पावन दलाई लामा ने दीर्घायु प्रार्थना में भाग लिया

2 weeks ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service