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परम पावन महान 14वें दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर कशाग ने उन्हें शुभकामनाएं दीं, अतिथियों का आभार जताया

July 6, 2025

तिब्बतियों के आध्यात्मिक और इहलौकिक- दोनों क्षेत्रों के सिरमौर और विश्व शांति के अग्रदूत परम पावन 14वें दलाई लामा के 90वें जन्मदिन समारोह के इस शुभ अवसर पर सभी निर्वासित तिब्बतियों का प्रतिनिधित्व करने वाला कशाग आज 06 जुलाई को उनको सादर नमन करता है और उन्हें जन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता है। हम इस समारोह में भाग लेने के लिए दूर-दूर से आए सभी विशिष्ट अतिथियों के साथ-साथ दुनिया भर के उन सभी लोगों का भी हार्दिक स्वागत करते हैं जो इस महत्वपूर्ण अवसर पर हमारे साथ शामिल हो रहे हैं।

परम पावन दलाई लामा ने तिब्बत के लोगों और दुनिया भर के अपने अनुयायियों की उत्कट आकांक्षाओं को देखते हुए 02 जुलाई 2025 को दलाई लामा संस्था को जारी रखने की उदारतापूर्वक घोषणा की। यह घोषणा तिब्बत और तिब्बती लोगों की धार्मिक, सांस्कृतिक, भाषाई और राष्ट्रीय पहचान को जारी रखने की स्पष्ट घोषणा है। तिब्बत में रहनेवाले और निर्वासित तिब्बती लोगों के साथ ही दुनिया भर में तिब्बत समर्थकों की ओर से हम इस अपार आशीर्वाद के लिए परम पावन के प्रति असीम कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। हम 15वें धार्मिक सम्मेलन के धार्मिक प्रमुखों और धार्मिक प्रतिनिधियों के प्रति भी अपनी गहरी कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं, जिन्होंने परम पावन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए पुनर्जन्म के मामलों में चीनी सरकार के दुर्भावनापूर्ण हस्तक्षेप को अस्वीकार करते हुए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है। हम हार्दिक रूप से प्रार्थना करते हैं कि परम पावन दलाई लामा तिब्बती लोगों के लिए प्रकाश की किरण बने रहेंगे, साथ ही उनके सौभाग्यशाली शिष्यों को सभी जीवनकाल में परम पावन का निर्बाध आशीर्वाद प्राप्त होता रहेगा। परम पावन दलाई लामा को सार्वभौमिक रूप से अग्रणी वैश्विक धर्मगुरु के रूप में मान्यता प्राप्त है। उन्होंने अपना पूरा जीवन करुणा की साधना और और उसी का प्रवचन करने के लिए समर्पित कर दिया है। कशाग ने अपने चार हालिया आधिकारिक कार्यक्रमों में परम पावन दलाई लामा द्वारा मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने, धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने, तिब्बत के धर्म और संस्कृति को पर्यावरण संरक्षण के साथ संरक्षित करने और प्राचीन भारतीय ज्ञान को पुनर्जीवित करने में उनकी चार प्रमुख प्रतिबद्धताओं के माध्यम से किए गए योगदान पर संक्षेप में प्रकाश डाला है। हम आगे भी आशा करते हैं कि विश्व शांति और खुशी प्राप्त करने के ये महान तरीके सभी के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शन करते रहेंगे।

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) ने इस वर्ष परम पावन दलाई लामा के 90वें जन्मदिन समारोह से एक वर्ष तक तक दुनिया भर में ‘करुणा वर्ष’ मनाने की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य परम पावन की करुणा का सम्मान करना और उनके दृष्टिकोण को फैलाना है। हम सभी तिब्बतियों और तिब्बत के मित्रों, व्यक्तियों और संगठनों से आह्वान करते हैं कि वे अपने समुदायों में- पड़ोसियों, मित्रों और स्थानीय संघों के साथ इस वर्ष केंद्रीय तिब्बती प्रशासन और विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग लें। विशेष रूप से युवाओं को शामिल कर वैश्विक समुदाय में करुणा के मूल्यों को फैलाने के लिए स्वतंत्र रूप से अपनी क्षमता भर प्रयास करें।
परम पावन दलाई लामा की चार प्रमुख प्रतिबद्धताओं को एक इच्छा-पूर्ति वृक्ष के रूप में पहचाना जा सकता है जिसकी जड़ में करुणा है और यह विकसित होकर चारों दिशाओं में फैला है। हिंसक संघर्षों, हथियारों की दौड़, व्यापार युद्धों, सामाजिक विखंडन, नैतिक पतन और जलवायु परिवर्तन और इनसे जुड़े संकटों का सामना कर रही आज की दुनिया में ये प्रतिबद्धताएं अद्वितीय और निर्विवाद समाधान प्रस्तुत करती हैं। परम पावन की दृष्टि कई स्तरों पर व्यावहारिक रूपरेखा प्रस्तुत करती है। इन्हें समग्र रूप से देखें तो उनकी दृष्टि व्यक्तिगत स्तर पर पुण्य गतिविधियों में संलग्न होकर और करुणामय विचारों और आचरण को विकसित कर; सामाजिक स्तर पर अंतर-धार्मिक सद्भाव के माध्यम से करुणामय समाजों का निर्माण कर; पारंपरिक संस्कृति और सांस्कृतिक स्तर पर करुणा शास्त्र की शिक्षा को को संरक्षित रखकर और वैज्ञानिक स्तर पर ज्ञान के पुनरुद्धार के माध्यम से करुणा के मूल्य का प्रदर्शन करती है। चूंकि ये व्यापक व्यावहारिक दृष्टिकोण मान्यता प्राप्त हैं और दुनिया के अधिकांश स्वतंत्र देशों में विभिन्न क्षेत्रों में लागू किए जा रहे हैं, इसलिए यह भविष्य की दुनिया के लिए आशा की एक नई किरण लेकर आया है।

66 वर्षों से अधिक समय से निर्वासन में रहने के दौरान हम तिब्बती निर्वासित पहले कभी केवल ऊपर आकाश और नीचे जमीन को ही जानते थे। लेकिन हम अब एक ऐसे शरणार्थी समुदाय में बदल गए हैं, जिसे दुनिया में किसी भी अन्य शरणार्थी समुदाय की तुलना में सबसे अनुसाासित शरणार्थी समुदाय के रूप में पहचाना जाता है। इन सभी उपलब्धियों की नींव परम पावन दलाई लामा की करुणा की शिक्षाओं में निहित है, जो तिब्बती लोगों की सच्ची और सौहार्दपूर्ण शक्ति के कारण है। यह ऐसी शक्ति है, जिसे अज्ञानता में डूबे शत्रुतापूर्ण ताकतों द्वारा कभी भी वश में नहीं किया जा सकता है। कई देशों की सरकारों और लोगों ने हम तिब्बती शरणार्थियों को जो सर्वसम्मत मान्यता दी है, वह निस्संदेह परम पावन दलाई लामा की करुणा शास्त्र की शिक्षाओं की हमारी साधना और कार्यान्वयन का प्रत्यक्ष परिणाम है। इसलिए, यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि हमारे मूल गुरु की दया को चुकाने का सबसे अच्छा तरीका उनके मार्गदर्शन को व्यवहार में लाना है। आज के इस विशेष अवसर पर जब चीनी सरकार तिब्बत में हमारे तिब्बती भाइयों को धूपबत्ती जलाने और अपने मूल गुरु के जन्मदिन के सम्मान में प्रार्थना ध्वज फहराने जैसी बुनियादी धार्मिक गतिविधियों में भी शामिल होने से जबरन रोक रही है। शिक्षक और शिष्य के बीच का पवित्र बंधन जो तिब्बती प्रार्थना माला के प्रत्येक मनके और छह-अक्षर वाले मंत्र (ओम मणि पद्मे हुम) के प्रत्येक अक्षर से जुड़ा हुआ है, उसे अत्याचारी शक्ति द्वारा दबाया नहीं जा सकता है। वह दिन जल्द ही आएगा जब हम निर्वासन में रह रहे और तिब्बत में रह रहे तिब्बती एक साथ मिलकर परम पावन दलाई लामा का जन्मदिन मना सकेंगे। परम पावन दलाई लामा के जन्मदिन के लिए सीटीए का उत्सव कार्यक्रम एक साल के कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया है, जिसमें दुनिया भर के तिब्बती मित्र हमारे विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग ले रहे हैं। हम आज के उत्सव के लिए दूर-दूर से आए सभी मेहमानों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। परम पावन के प्रति आपकी भक्ति और समर्थन करुणा और सत्य के मूल्यों के प्रति आपकी गहरी प्रशंसा को दर्शाता है और हम आपको परम पावन की करुणा शास्त्र की शिक्षाओं के मूल्यों को अपनी समझ और प्रशंसा के अनुरूप दुनिया भर फैलाने के प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
अंत में, हम प्रार्थना करते हैं कि परम पावन दलाई लामा विश्व शांति और सभी जीवों के कल्याण के लिए युगों- युगों तक जीवित रहें। उनकी सभी महान आकांक्षाएं सहज रूप से और बिना किसी बाधा के पूरी हों। कशाग ने अब तक अपनी पूरी क्षमता और पूरी लगन के साथ सेवा की है। और इस महत्वपूर्ण अवसर पर हम सभी को परम पावन दलाई लामा की करुणा शास्त्र की शिक्षाओं की साधना करने और उन्हें लागू करने के लिए अपनी एकता और सामूहिक प्रतिबद्धता को फिर से मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

कशाग
06 जुलाई 2025

* नोट: यह मूल रूप से तिब्बती वक्तव्य का अनुवाद है। यदि कोई विसंगति उत्पन्न होती है, तो कृपया तिब्बती संस्करण को ही अंतिम और आधिकारिक समझें।


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