भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

‘प्रार्थना मात्र पर्याप्त नहीं है।’ कोरोना वायरस का सामना करने में करुणा का अनुशीलन करें।

April 14, 2020

परम पवन दलाई लामा।

dalailama.com

कभी-कभी मेरे मित्र मुझसे कहते हैं कि अपनी “जादुई शक्तियों” का प्रयोग कर इस जगत की समस्याओं को दूर किजिए। मैं हमेशा उनसे यही कहता हूँ कि दलाई लामा के पास कोई जादुई शक्तियां नहीं हैं। यदि ऐसा होता तो मेरे पैरों में दर्द और गले में खराश नहीं होता। हम सब मनुष्य के रूप में एक समान हैं, तथा भय, आशा और अनिश्चितताओं का समान रूप से अनुभव करते हैं।

बौद्ध दर्शन के अनुसार प्रत्येक प्राणी दुःख एवं रोग, बुढ़ापा और मृत्यु की सच्चाइयों से परिचित है। मनुष्य होने के नाते हम सब में यह क्षमता है कि हम अपनी बुद्धि-विवेक का प्रयोग कर क्रोध, घबराहट एवं लोभ से विमुक्त हो जायें।  हाल के वर्षों में मेरा “भावनात्मक अशस्रीकरण” पर जोर रहा है, जिसका तात्पर्य है कि हम ऐसा प्रयत्न करें जिससे भय और रोष के भ्रम से बाहर निकलकर वस्तुस्थिति को यथार्थ और स्पष्ट रूप में देख सकें। यदि समस्या का समाधान है, तो हमें उसे ढूंढ़ने की कोशिश करनी चाहिए, और यदि नहीं है, तो हमें उसके बारे में सोचकर समय नष्ट नहीं करना चाहिए।

हम बौद्ध मानते हैं कि सम्पूर्ण विश्व-परिवार एक दूसरे पर आश्रित हैं। इसीलिए, प्रायः मैं सार्वभौमिक दायित्व की बात करता हूँ। इस भयावह कोरोना महामारी ने दिखा दिया कि एक व्यक्ति के साथ जो घटित होता है उसे अन्य व्यक्तियों के साथ घटित होने में देर नहीं लगता। लेकिन यह हमें इसका भी स्मरण कराता है कि करुणामय आचरण एवं रचनात्मक कार्यों में अनेक लोगों की सहायता करने की क्षमता होती है, चाहे वह चिकित्सालय में मदद करके हो या फिर सामाजिक दूरी बनाये रखकर।

 जिस दिन से वुहान शहर में कोरोना वायरस फैलने का समाचार प्राप्त हुआ तब से मैं चीन तथा अन्य देशों के मेरे भाईयों एवं बहनों के लिए प्रार्थना कर रहा हूँ। हम देख सकते हैं कि कोई भी इस वायरस से प्रतिरक्षित नहीं है। हम सब अपने प्रियजनों एवं भविष्य तथा वैश्विक एवं व्यक्तिगत अर्थव्यवस्था दोनों को लेकर आशंकित हैं। लेकिन प्रार्थना करना मात्र पर्याप्त नहीं है। यह संकट हमें सिखाता है कि जहां भी सम्भव हो हम सबको अपना दायित्व का निर्वाह करना चाहिए। चिकित्सकों एवं नर्सों द्वारा अनुभवजन्य विज्ञान के साथ मिलकर इस स्थिति को नियंत्रित करने तथा भविष्य में ऐसे सम्भावित खतरों से रक्षा करने के प्रयासों को देखकर हमें आश्वस्त रहना चाहिए।

इस आशंकापूर्ण समय में दीर्घकालिक चुनौतियों, सम्भावनाओं और सम्पूर्ण विश्व के बारे में चिंतन करना अत्यावश्यक है। अंतरिक्ष से लिये गये हमारी पृथ्वी के चित्रों से स्पष्ट है कि इस नीले ग्रह पर कोई वास्तविक सीमाएं नहीं है। इसलिए, हम सबको इसका ध्यान रखना चाहिए तथा जलवायु परिवर्तन जैसे अन्य विनाशकारी शक्तियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए। यह महामारी एक चेतावनी स्वरूप है जो हमें यह सीख दे रही है कि हम सामूहिक रूप से वैश्विक प्रतिक्रिया के द्वारा ही इस अभूतपूर्व विशालकाय चुनौती का सामना कर सकते हैं। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति पीड़ा से मुक्त नहीं है, इसलिए, उन लोगों का अधिकाधिक मदद करना हैं जिनका कोई घर, जिविकोपार्जन का साधन और परिवार नहीं हैं। यह संकट हमें बता रहा है कि हम अलग-अलग रहने पर भी एक दूसरे से अलग नहीं हैं। इसलिए, हम सबका यह कर्तव्य है कि हम करुणापूर्वक दूसरों की मदद करें।

एक बौद्ध होने के नाते मैं अनित्यता (परिवर्तनशीलता) के सिद्धांत पर विश्वास करता हूँ। जैसा कि मैंने अपने जीवनकाल में अनेक युद्ध और भयानक खतरों को समाप्त होते देखा है, अन्ततः यह विषाणु भी समाप्त हो जायेगा। हमने इससे पहले भी कई बार वैश्विक समुदाय का पुनर्निर्माण किया है उसी तरह इस बार भी करेंगे। मैं विशुद्ध मन से आशा करता हूँ कि आप सभी सुरक्षित एवं शांतिपूर्वक रहेंगे। अनिश्चितता के इस घड़ी में यह महत्वपूर्ण है कि विभिन्न लोगों द्वारा किये जा रहे रचनात्मक प्रयासों में हम आशा और विश्वास बनाये रखें।


विशेष पोस्ट

सिक्योंग को परम पावन दलाई लामा से विशेष भेंट का अवसर, 16वें कशाग के उपक्रमों की दी संक्षिप्त जानकारी

25 Sep at 9:55 am

परम पावन दलाई लामा ने ल्होखा सांस्कृतिक एवं कल्याण संघ, नामग्याल संस्थान, इथाका और दुनिया भर से आए युवा तिब्बतियों द्वारा आयोजित दीर्घायु प्रार्थना में भाग लिया

11 Sep at 9:14 am

हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश से हुए नुकसान पर दुख व्यक्त किया गया

9 Sep at 10:50 am

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने 65वां तिब्बती लोकतंत्र दिवस मनाया

3 Sep at 10:45 am

पैंसठवें तिब्बती लोकतंत्र दिवस पर निर्वासित तिब्बती संसद का वक्तव्य

2 Sep at 10:32 am

संबंधित पोस्ट

सिक्योंग को परम पावन दलाई लामा से विशेष भेंट का अवसर, 16वें कशाग के उपक्रमों की दी संक्षिप्त जानकारी

1 month ago

परम पावन दलाई लामा ने ल्होखा सांस्कृतिक एवं कल्याण संघ, नामग्याल संस्थान, इथाका और दुनिया भर से आए युवा तिब्बतियों द्वारा आयोजित दीर्घायु प्रार्थना में भाग लिया

2 months ago

हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश से हुए नुकसान पर दुख व्यक्त किया गया

2 months ago

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने 65वां तिब्बती लोकतंत्र दिवस मनाया

2 months ago

पैंसठवें तिब्बती लोकतंत्र दिवस पर निर्वासित तिब्बती संसद का वक्तव्य

2 months ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service