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भारत के उत्तरी सीमांत की सुरक्षा लिए तिब्बत की स्वतंत्रता जरुरी – डा अग्निहोत्री

March 26, 2014

IMG_8471भगवान शंकर के निवास कैलास को चीन से मुक्त करने के लिए संकल्प लें कार्यकर्ता

भारत – तिब्बत सहयोग मंच की ओडिशा शाखा द्वारा 25 मार्च को भुवनेश्वर के कलिंग बुद्ध विहार के आडिटोरिय़म में  चीन की ओर से बढते खतरे व भारत तिब्बत संबंध विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।

भारत के उत्तरी सीमांत की सुरक्षा के लिए तिब्बत की स्वतंत्रता जरुरी है । भारत को तिब्बत की स्वतत्रता के लिए हर संभव सहायता प्रदान करना चाहिए । यह भारत के लिए नैतिक दृष्टि से भी उचित है और अगर शुद्ध स्वार्थ की दृष्टि से भी देखें तो यह अत्यंत जरुरी  है । इसलिए भारत सरकार पर देश की जनता द्वारा दबाव डालने की आवश्यकता है । भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने मंच की ओडिशा शाखा द्वारा  चीन की ओर से खतरे व भारत – तिब्बत संबंध विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्यवक्ता के रुप में  बोलते हुए यह बात कही ।

उन्होंने कहा कि भारत में चीन समर्थक लाबी पुनः एक बार सक्रिय हो गई है । कुछ सालों से चीन भारत पर कूटनीतिक स्तर पर हमला करने की किसी भी मौके को नहीं गबा रही है । अरुणाचल प्रदेश व लदाख में चीनी घुसपैठ कम होने के बजाय अधिक बढ रही है । चीन समर्थक लाबी 1962 में चीन द्वारा भारत पर आक्रमण के लिए भारत को दोषी ठहरा रहे थे , अब वही लाबी पुनः यह समझाने में लगी है कि पुरानी बातों को भूल कर नये सिरे से संबंधों को सुधारा जाना चाहिए । उनकी दृष्टि में पुरानी बातों को भूलने का अर्थ है कि चीन के सामने आत्मसमर्पण करना, और चीन द्वारा कब्जाई गई 50 हजार वर्ग किमी की जमीन को चीन को प्रदान करना ।

डा अग्निहोत्री ने बताया कि चीन में बढ रही गरीबी, बेरोजगारी व आर्थिक विषमता से ध्यान हटाने तथा वैश्विक राजनीति में भारत के बढते प्रभाव को रोकने के लिए वह भारत पर हमला भी कर सकता है । इसलिए  भारतसरकार को तिब्बत के प्रश्न को चीन सरकार के समक्ष उठाना चाहिए और उस पर दबाव बनाना चाहिए । उन्होंने कहा कि तिब्बत में चीन अपने सैनिकों को वापस लेने के साथ साथ तिब्बत के लोग अपने इच्छा के अनुरूप सरकार का चुनाव कराने के लिए भी भारत को दबाव डालना चाहिए ।

डा अग्निहोत्री ने कहा कि संपूर्ण भारत भगवान शंकर की पूजा करता है , लेकिन यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भगवान शंकर का निवास कैलास भी चीन की गुलामी में है । अगर तिब्बत मुक्त होता है तो कैलास भी मुक्त होगा । उन्होंने बताय. कि भारत तिब्बत सहयोग मंच के  श्रावण के माह में देश भर के शिव मंदिरों में कैलास की मुक्ति के लिए श्रावण संकल्प लेंगे ।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी अरुण उपाध्याय ने भारत वतिब्बत के सांस्कृतिक संबंधों के बारे मे विस्तार से अवगत कराया । उन्होंने कहा कि तिब्बत को स्वाधीन कराने के लिए सभी को योगदान देने की आवश्यकता है ।

कार्यक्रम में अध्यक्षता श्रुति समाचार पत्र के संपादक सर्वेश्वर मिश्र ने की । भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय़ मंत्री दीपक कुमार महांत ने कार्यक्रम में अतिथियों का परिचय कराया । आयोजन समिति के अध्यक्ष सौमेन्द्र जेना ने कार्यक्रम का संचालन किया ।

 

 


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