भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

भारत पर चीनी हमला और भारतीय संसद का प्रस्ताव

October 10, 2010

१४ नवम्बर, १९६२


”इस संसद को इस बात का गहरा दुख है कि चीन की जनवादी सरकार ने भारत के सदाशयतापूर्ण मैत्री व्यवहारों की उपेक्षा करके दोनों देशों के बीच परस्पर स्वाधीनता, तटस्थता और एक दूसरे के मामलों में हस्तक्षेप न करने के सिद्धांत एवं सहअस्तित्व की भावना के समझौते को न मानकर पंचशील के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है ! इसके बाद चीन ने अपनी विशाल सेना लेकर पूरी तैयारी के साथ भारत पर आक्रमण किया है!
यह संसद हमारी सेनाओं के जवानों और अधिकारियों के शोर्यपूर्ण मुकाबले की सराहना करती है, जिन्होंने हमारी सीमाओं की रक्षा की है ! सीमा सुरक्षा में अपने प्राणों की बलिदेने वाले वीरगति प्राप्त शहीदों को हम श्रद्धांजलि देते है और मातृभूमि की रक्षा के लिए दी गई कुर्बानी के लिए नतमस्तक होते है ! यह संसद भारतीय जनता के सक्रिय सहयोग की प्रशंसा करती है, जिसने भारत पर चीनी आक्रमण से उतपन्न संकट तथा आपात स्थिति में भी बडे धैर्य से काम लिया ! संसद हर वर्ग के लोगों के उत्साह और सहयोग की प्रशंसा करती है जिन्होंने आपातकालीन स्थितियों का डट कर मुकाबला किया ! भारत की स्वधीनता की रक्षा के लिए लोगों में एक बार फिर स्वतंत्रता, एकता और त्याग की ज्वाला फूटी है !
विदेशी आक्रमण के प्रतिरोध में हमारे संघर्ष के क्षणों में जिन अनेक मित्र राष्ट्रों की सहायता हमें प्राप्त हुई है, उनकी इन नैतिक एवं सहानुभूतिपूर्ण संवेदनाओं के प्रति यह संसद अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करती है !
संसद आशा और विश्र्वास के साथ प्रतिज्ञा करती है कि भारत की पवित्र भूमि से हम आक्रमणकारियों को खदेडकर ही दम लेंगे ! इस कार्य में हमें चाहे कितना ही समय क्यों न लगाना पडे या इसका कितना भी मूल्य चुकाना पडे, हम चुकाने को तैयार है”

कोई भी भारतीय नेता यह नहीं चाहता कि वह बिना कोई ऐतिहासिक समझौता किए या विदेश में सफलता प्राप्त किए बिना घरेलू समस्याओं का सामना करने के लिए घर न लौटे। अधिकारियों और समर्थक पत्रकारों से भरे जहाज में जाने वाले प्रधनमंत्री के लिए यह आसान होता है कि वह अपने दौर की उपलब्ध्यिं का बखान कर सके। कई प्रमुख शक्तियां भारत की इस कमजोरी के साथ सावधानी पूर्वक खेल खेलना चाहती हैं। वे जानते हैं कि जब कोई भारतीय प्रधनमंत्री बुलाने पर आता है तो द्विपक्षीय संबंधें में नया अध्याय शुरू करने की आड़ में कुछ रियायतें हासिल की जा सकती हैं। इस मामले में सबसे ज्यादा सफलता चीन ने पायी है। चीन से पूर्ण राजनयिक रिश्ते की बहाली के बाद हमारे दो प्रधनमंत्री चीन गए थे और भारत लौटने पर दावा किया था कि उन्होंने एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। लेकिन यदि राजीव गांधी की १९८८ की यात्रा और पीवी नरसिंह राव की १९९३ की यात्रा के दौरान हुए समझौतों में कुछ ऐतिहासिक था तो यह भारत के राजनयिक भोलेपन की चरम सीमा थी। १९८१ के बाद से ही वरिष्ठ स्तर की सीमावार्ता जारी है लेकिन राजीव गांधी की चीन यात्रा को ऐतिहासिक स्वरूप देने के लिए वार्ताओं के तरीके को नए ढंग से वर्गीकृत कर उन्हें संयुक्त कार्य समूह का नाम दिया गया जबकि इसमें कुछ भी न तो नया था और न ही संयुक्त।
राजीव गांधी के दौरे की सफलता का भारत में आधिकारिक रूप से प्रचारित इस अहंकार के विपरीत चतुर चीन ने गुप्त रूप से पाकिस्तान को पहली मिसाइल प्रणाली प्रदान कर दी।
to be continued
ड्रैगन की शक्ल से सावधन!
ब्रह्‌म चेलानी
लगभग हर भारतीय प्रधनमंत्री की एक कमजोरी रही है कि वह किसी भी बड़ी विदेश यात्रा को कोई दिशा निर्धरक नहीं बना पाया है।

 ************ 

 कहीं भूल न जाएं हम तुम…..
भारत को दिए गए सभी आश्र्वासनों के बावजूद चीन ने तिब्बत को हथिया लिया और चीनी सेनाएं तिब्बत को लांधकर भारत की सीमा पर आ पहुंची ! बाद में तिब्बत को छावनी की तरह उपयोग करके चीन ने १९६२ में भारत पर हमला कर दिया ! यहां प्रस्तुत है इस चीनी हमले से अपमानित और दुखी भारत की संसद का वह संकल्प जिसे बाद की हर भारत सरकार जान बूझकर भूलने की कोशिश करती आ रही है- सम्पादक (‘तिब्बत देश’ मासिक पत्रिका)
तिब्बत से निर्वासित कवि, हताशा (Poetry)


विशेष पोस्ट

परमपावन दलाई लामा ने तिब्बत पर 9वें विश्व सांसद सम्मेलन को संदेश भेजा

3 Jun at 7:22 am

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

13 May at 10:44 am

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

9 May at 11:40 am

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

9 May at 10:26 am

दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों का यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में कड़ा विरोध

8 May at 9:05 am

संबंधित पोस्ट

नब्बे वर्षीय दलाई लामा को जन्मदिन पर होगा कृतज्ञतापूर्वक सम्मान

2 weeks ago

तिब्बत: अगर तुम तिब्बती क्रांतिकारी हो तो हम तुम्हारी बिजली-पानी काट देंगे

1 month ago

तिब्बत नहीं, जिज़ांग: चीन के मनमाने नामकरण के मतलब क्या है

1 month ago

चीन ने हालिया श्वेत पत्र में तिब्बत का नाम ही मिटा दिया

2 months ago

तिब्बत में दूरसंचार के लिए प्रताड़ना

2 months ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service