ब्रुसेल्स, 06 जुलाई 2025: सात यूरोपीय देशों, अर्थात् फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, यूके, लिथुआनिया, एस्टोनिया और आइसलैंड के मानवाधिकार राजदूतों द्वारा जारी एक संयुक्त वक्तव्य में परम पावन 14वें दलाई लामा के पुनर्जन्म से जुड़ी चिंताओं को संबोधित किया गया है और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को अस्वीकार किया गया है।
यह संयुक्त वक्तव्य तिब्बती लोगों और दुनिया भर के तिब्बती बौद्धों को अपने आध्यात्मिक नेताओं को चुनने में धार्मिक स्वतंत्रता के समर्थन में एक स्पष्ट और समन्वित रुख का प्रतिनिधित्व करता है।
यह मानवाधिकारों और आस्था की स्वतंत्रता के प्रति यूरोपीय प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
-ब्यूरो डू तिब्बत, ब्रुसेल्स द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट