भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

यूरोपीय संघ : चीन में मानवाधिकार संकट को सर्वोच्च प्राथमिकता

April 5, 2019

savetibet.org, 4 अप्रैल, 2019

यूरोपीय संघ : चीन में मानवअधिकारों के उल्लंघन को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा

सार्वजनिक रूप से शिनजियांग के कैदी को बलपूर्वक उठाने को मुद्दा बनाया

मानवाधिकारों की निगरानी करनेवाली संस्था ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’, ‘इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर ह्यूमन राइट्स’, इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत और इंटरनेशन सर्विस फॉर ह्यूमन राइट्स सेवा की संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति

ब्रसेल्स, 4 अप्रैल, 2019

पांच मानवाधिकार समूहों ने आज 4 अप्रैल को कहा कि यूरोपीय संघ के नेताओं को 9 अप्रैल, 2019 को ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ-चीन शिखर सम्मेलन के दौरान चीन में बिगड़ते मानवअधिकारों की स्थिति को सुधारने को लेकर चीनी नेताओं पर दबाव डालना चाहिए। उन्हें 1-2 अप्रैल को यूरोपीय संघ-चीन मानवाधिकार वार्ता के दौरान उठाई गई चिंताओं को आगे बढ़ाना चाहिए और चीनी अधिकारियों से शिनजियांग  में ‘राजनीतिक शिक्षा’ शिविरों को बंद करने और आंदोलनकारी कैदियों को मुक्त करने का आह्वान करना चाहिए।

शिखर सम्मेलन होने तक के सप्ताहों में यूरोपीय संघ और सदस्य देशों के नेताओं को चीनी नेताओं के साथ बैठने के कई अवसर मिले हैं, जिनमें वे मानवाधिकारों के मुद्दों को उठा सकते थे। लेकिन अब तक यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि फेडेरिका मोगेरिनी और बाद में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और यूरोपीय संघ आयोग के अध्यक्ष जीन-क्लाउड जुनकर, सभी चीन में बढ़ते मानवअधिकारों के उल्लंघन के लिए सार्वजनिक रूप से इसका उल्लेख करने या अपील करने में विफल रहे हैं।

यूरोपीय संघ के मानवाधिकार निगरानी संस्था के अभियान निदेशक लोटे लेच ने कहा, यूरोपीय संघ और उसके सदस्य देशों ने सार्वजनिक रूप से ‘अपना पूरा भार’ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर डाल दिया है और चीन में तेजी से बिगड़ रहे मानवअधिकारों के माहौल के बीच उस वादे का निर्ममता से परीक्षण किया जा रहा है। यूरोपीय संघ के लिए यूरोपीय संघ- चीन शिखर सम्मेलन चीनी नेतृत्व को मानवअधिकारों पर मजबूत सार्वजनिक संदेश भेजने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

इन मानवाधिकारवादी समूहों ने 13 मार्च को यूरोपीय संघ के नेताओं और सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों को लिखे एक पत्र में चीन में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का विवरण दिया है, जिसमें तुर्क मुसलमानों को सामूहिक तौर पर हिरासत में रखना और उनकी निगरानी, तिब्बत में सघन राजनीतिक शिक्षा और उत्पीड़न, बलपूर्वक लोगों को गायब कर देना, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करनेवाले कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और उनके पक्ष में खड़ा होनेवाले वकीलों को जेल में डाल देना शामिल है।

समूहों ने दुनिया भर में मानवाधिकारों के लिए चीन के बढ़ते खतरे को भी संबोधित किया। इनमें अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून को कमजोर करने के साथ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद जैसी संस्थानों को कमजोर करने के प्रयास शामिल हैं। मौलिक अधि‍कारों की पर्याप्त सुरक्षा के बिना चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का तेजी से विस्तार और चीन द्वारा दुनिया की सरकारों पर शरण चाहने वालों और अन्य लोगों की जबरन वापसी करने का जबर्दस्त दबाव के गंभीर खतरे हैं। दुनिया भर के मानवअधिकारों पर इसका भी भारी प्रभाव पड़ रहा है।

1-2 अप्रैल को यूरोपीय संघ ने चीन-यूरोपीय संघ मानवाधिकार वार्ता के 37वें दौर की मेजबानी की। ईयू एक्सटर्नल एक्शन सर्विस (ईईएएस) द्वारा सैद्धांतिक प्रयासों के बावजूद संवाद एक कमजोर राजनयिक उपकरण बना हुआ है। चीनी शासन यूरोपीय संघ द्वारा उठाए गए मानवाधिकार मुद्दों पर ठोस प्रगति का प्रदर्शन करने में लगातार विफल रहा है। लगातार दूसरे वर्ष चीनी अधिकारियों ने पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले समूहों समेत कई स्वतंत्र नागरिक समाज संगठनों से मिलने से इनकार कर दिया। एक दशक से अधिक समय से यूरोपीय संघ के अधिकारी जोर देते रहे हैं कि चीनी अधिकारियों के साथ मानवाधिकारों पर चर्चा करने एकमात्र निश्चित मौका मानवाधिकार वार्ता थी जो ‘कुछ नहीं से बेहतर थी’। इसके बजाय, यह संवाद चीनी नेताओं के लिए मानवाधिकार मुद्दों और इसपर आलोचनाओं का सामना करने और यूरोपीय संघ के नेताओं के सामने आकर इसपर सीधे और उच्च स्तरीय चर्चा करने के बजाये इन मुद्दों को दबाने का एक जरिया बन गया है।

1 अप्रैल के मानवाधिकार संवाद के बाद जारी की गई यूरोपीय संघ की प्रेस विज्ञप्ति में ईईएएस द्वारा व्यक्तिगत मामलों को उठाने के महत्वपूर्ण प्रयासों पर प्रकाश डाला गया और कहा गया कि चीन ने बातचीत के पूर्ण एजेंडे में भाग नहीं लिया। उसने यूरोपीय संघ द्वारा वर्णित सभ्य समाज के साथ ‘विचारों के सार्थक आदान-प्रदान’ में भाग लेने से इनकार कर दिया।

पिछले यूरोपीय संघ-चीन सम्मेलनों में यूरोपीय संघ के शीर्ष नेतृत्व ने तात्कालि‍क मानवाधिकारवादी मुद्दों पर बहुत ही कम मुंह खोला है। नागरिक समाज के संगठनों ने यूरोपीय संघ की परिषद और आयोग के अध्यक्षों से आग्रह किया कि वे यूरोपीय संघ के संकल्पों को पूरी तरह से पूरा करें और 9 अप्रैल के शिखर सम्मेलन का उपयोग बातचीत में उठाए गए मानवाधिकारों की चिंताओं को सार्वजनिक रूप से उठाने में करें और चीन पर कार्यकर्ताओं और वकीलों की रिहाई सहित ठोस कार्रवाई के लिए दबाव डालें।

अधिकार समूहों ने यूरोपीय संघ के नेताओं से आग्रह किया कि वे झिंझियांग पर एक स्वतंत्र और अंतर्राष्ट्रीय तथ्यान्वेषी मिशन को अनुमति देने, राजनीतिक कैदियों को रिहा करने और नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय अनुबंधों की पुष्टि करने का दबाव चीन सरकार पर डालें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के उच्चतम स्तरों पर यूरोपीय संघ और उसके सदस्य देशों को 1989 के चीन के तियानमेन चौक पर लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर की गई बर्बर कार्रवाई की 30वीं वर्षगांठ मनाना चाहिए।

मानवाधिकारों के लिए अंतर्राष्ट्रीय सेवा के निदेशक फिल लिंच ने कहा, ‘यूरोपीय संघ के नेताओं को हुआंग क्यूई, वांग क्वानझांग, ताशी वांगचुक और इल्हाम तोहती जैसे साहसी कार्यकर्ताओं से प्रेरित होना चाहिए और चीनी नेताओं के साथ बैठक के दौरान उनकी रिहाई के लिए अपील करनी चाहिए। ‘ऐसा करने में विफल होना जेलों में बंद इन बहादुर मानवाधिकार रक्षकों के साथ विश्वासघात होगा।‘

पत्र पर हस्ताक्षर करनेवाले संगठनों में- एमनेस्टी इंटरनेशनल, ह्यूमन राइट्स वॉच, द इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत, द इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर ह्यूमन राइट्स और इंटरनेशनल सर्विस फॉर ह्यूमन राइट्स शामिल हैं।

एमनेस्टी इंटरनेशनल के पूर्वी एशिया शोध निदेशक रोसेन राईफ ने कहा, ‘यूरोपीय संघ के नेताओं को यह समझना चाहिए कि उनकी शांत कूटनीति ने चीन में मानवाधिकारों की स्थिति को कम से कमतर किया है। उन्हें अधिकारों में सुधार की मांग और चिंताओं को जोरदार ढंग से प्रकट करने की आवश्यकता है।‘


विशेष पोस्ट

तिब्बत पर विश्व सांसदों का नौवां सम्मेलन टोक्यो घोषणा-पत्र, टोक्यो कार्य योजना और परम पावन १४वें दलाई लामा के ९०वें जन्मदिन के सम्मान में प्रस्ताव पारित करने के साथ संपन्न

5 Jun at 9:29 am

दीर्घायु प्रार्थना समारोह में शामिल हुए परम पावन दलाई लामा

4 Jun at 10:59 am

तिब्बत पर विश्व सांसदों के नौवें सम्मेलन के लिए दुनिया भर के सांसद टोक्यो पहुंचे

3 Jun at 3:17 pm

परमपावन दलाई लामा ने तिब्बत पर 9वें विश्व सांसद सम्मेलन को संदेश भेजा

3 Jun at 7:22 am

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

13 May at 10:44 am

संबंधित पोस्ट

तिब्बत पर विश्व सांसदों का नौवां सम्मेलन टोक्यो घोषणा-पत्र, टोक्यो कार्य योजना और परम पावन १४वें दलाई लामा के ९०वें जन्मदिन के सम्मान में प्रस्ताव पारित करने के साथ संपन्न

2 weeks ago

दीर्घायु प्रार्थना समारोह में शामिल हुए परम पावन दलाई लामा

2 weeks ago

तिब्बत पर विश्व सांसदों के नौवें सम्मेलन के लिए दुनिया भर के सांसद टोक्यो पहुंचे

2 weeks ago

परमपावन दलाई लामा ने तिब्बत पर 9वें विश्व सांसद सम्मेलन को संदेश भेजा

2 weeks ago

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

1 month ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service