यूरोपीय संघ और चीन के बीच चोंगकिंग में आयोजित मानवाधिकार वार्ता में यूरोपीय संघ ने इस बात पर जोर दिया कि धार्मिक हस्तियों के उत्तराधिकारी का चयन बिना किसी सरकारी हस्तक्षेप के और धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुरूप होना चाहिए। इसमें दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन का मामला भी शामिल है।
इसके अलावा यूरोपीय संघ ने चीन और विशेष रूप से चीन द्वारा शासित तिब्बती क्षेत्रों में मानवाधिकारों की अति गंभीर स्थिति के बारे में अपनी चिंताओं को दोहराया।
यूरोपीय संघ ने मूल स्वतंत्रता, श्रम अधिकारों और जबरन श्रम कराने, उचित प्रक्रिया अधिकारों की सीमाओं और चीन में न्यायिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध को लेकर लगातार चिंता जताई। ईयू ने विचार-अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सभा, धर्म या विश्वास के साथ-साथ समानता के अधिकार और महिलाओं और एलजीबीटीआई के अधिकारों सहित भेदभाव से मुक्ति के मुद्दों को भी उठाया।
परंपरा के अनुरूप ईयू ने गो शेरब ग्यात्सो और ताशी दोरजे सहित अनेक कार्यकर्ताओं, लेखकों और धार्मिक हस्तियों के व्यक्तिगत मामलों को उठाया और चीन से उनकी तत्काल रिहाई का आह्वान किया।
मानवाधिकार वार्ता से पहले, यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने न्यिंगची और ल्हासा में स्थानों का अवलोकन किया। केंद्रीय और स्थानीय स्तर के चीनी अधिकारियों द्वारा कराए गए संक्षिप्त और सघन दौरा कार्यक्रम में अधिकारियों ने अपने- अपने स्तर पर बोर्डिंग स्कूलों, नगर पालिकाओं, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों, पुनर्वासित तिब्बती परिवारों के अलावा एक जेल का दौरा भी कराया। हालांकि, इस यात्रा में कैदियों के साथ व्यक्तिगत मुलाकातों को छोड़कर यूरोपीय संघ के अधिकांश अनुरोधों को नहीं माना गया। इस यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की जमीनी हकीकत और वहां के लोगों द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों की निश्चित समझ हासिल करने का प्रयास किया।
इस यात्रा के बाद यूरोपीय संघ ने तिब्बती लोगों की पूर्ण द्विभाषी शिक्षा, सांस्कृतिक विरासत, पहचान और मौलिक स्वतंत्रता के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए कई सिफारिशें पेश कीं। यूरोपीय संघ अंतरराष्ट्रीय समुदाय और नागरिक समाज संगठनों को वहां की और अधिक यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
परम पावन दलाई लामा के प्रतिनिधि रिग्जिन जेनखांग ने कहा, ‘यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल द्वारा तिब्बत की यह दुर्लभ यात्रा चीन को कड़ा संदेश देती है कि यूरोपीय संघ तिब्बत में चीन द्वारा किए जा रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन और तिब्बती भाषा, संस्कृति और धर्म पर निरंतर हमले से बेहद चिंतित है।’
मानवाधिकार वार्ता की सह-अध्यक्षता यूरोपियन एक्टर्नल एक्शन सर्विस में एशिया- प्रशांत क्षेत्र के उप प्रबंध निदेशक पाओला पम्पालोनी और चीनी विदेश मंत्रालय में नियुक्त अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सम्मेलनों के लिए महानिदेशक शेन बो ने की। यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने चोंगकिंग वार्ता में पर्यवेक्षकों के तौर पर हिस्सा लिया।