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यूरोपीय संसद ने मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चीन की निंदा की और चीन से तिब्बती और अन्य जातीय समूहों को तंग नहीं करने का आह्वान किया

April 20, 2019

तिब्बत.नेट, 19 अप्रैल, 2019

यूरोपीय संसद ने 18 अप्रैल 2019 को चीन को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें विशेष रूप से धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चिंता जताई गई है। इस प्रस्ताव के पक्ष में 505 मत और विरोध में 18 मत पड़े जबकि 47 सांसदों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

यह प्रस्ता्व पूर्ण यूरोपीय संसद का अंतिम प्रस्ताव है। अगली संसद का चुनाव 26 मई को होगा। इस संकल्प ने चीन में तिब्बतियों, उइगरों, कजाकों और ईसाइयों के मानवाधिकारों के कम्युनिस्टं सरकार द्वारा दमन किए जाने का विशेष उल्लेख किया गया है। प्रस्ताव में जहां दमन की आलोचना की गई है, वहीं यूरोपीय संघ और इसके सदस्य राज्यों से इन मुद्दों को बहुपक्षीय मंचों के साथ संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद सहित विभिन्न मंचों पर सक्रिय रूप से उठाने का आह्वान किया गया है।

तिब्बत में दमनचक्र के अनवरत तंत्र को याद करते हुए सुरक्षा और स्थिरता के बहाने वहां मानवअधिकारों में भारी कटौती करने का भी उल्लेख किया गया है। इस प्रस्ताक में आत्मदाह की घटनाओं को याद करते हुए तिब्बती संकट के समाधान का भी आह्वान किया गया है। इससे भी महत्वपूर्ण बात इसमें यह है कि 22 ठोस सिफारिशों में से 8 तिब्बत से ही संबंधित हैं।

संकल्प में न केवल चीन के विभिन्न क्षेत्रों में मानवाधिकारों के दमन पर ध्यान दिया गया है, बल्कि चीन के बाहर भी इसे रोकने के लिए कई मामलों का उल्लेख किया गया है। इसमें यूरोपीय संघ के क्षेत्र भी शामिल हैं। इन सिफारिशों में 13वीं सिफारिश में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को यूरोपीय संघ के क्षेत्र में तुर्की, तिब्बती और अन्य जातीय समूहों के सदस्यों को चीनी अधिकारियों द्वारा परेशान करने की गतिविधियों पर रोक लगाने का आह्वान किया गया है।

तिब्बत में दोतरफा आवागमन की सुविधा की मांग का आह्वान करते हुए वर्तमान प्रस्ताव एक कदम आगे बढ़कर यूरोपीय संघ के संस्थानों से यूरोपीय संघ-चीन वीजा समझौते पर गंभीरता से विचार करने और तिब्बत में जाने देने की अनुमति की मांग भी चीन से करने का आग्रह करता है। प्रस्ताव में चीन के अहंकार, धोखे और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुबंधों की अवहेलना के खिलाफ संसद के भारी गुस्से का इजहार किया गया है। वास्तव में इसने चीन से नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय अनुबंधों की पुष्टि करने का आग्रह किया।

प्रस्ताव पारित होने के बाद उच्च प्रतिनिधि मोगेरिनी ने आर्थिक हित से अधिक महत्वपूर्ण नहीं होने पर समान स्तर पर मानवाधिकारों के लिए यूरोपीय संघ की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने आगे कहा कि यूरोपीय संघ के अधिकारी चीनी अधिकारियों के साथ मानवअधिकारों के मुद्दे को मजबूती और स्पष्टता के साथ उठाएंगे। उन्होंने सदस्यों से अपने राजनीतिक दलों और अपनी संबंधित सरकारों से आयोग के रुख का समर्थन करवाने का आह्वान किया।


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