
ब्रुसेल्स। यूरोपीय संघ का चुनाव ०६-०९ जून को होनेवाला है। इससे पहले यूरोपीय संसद के सदस्यों के साथ बैठक के दौरान यूरोपीय संसद में ‘यूरोप फॉर तिब्बत’ अभियान शुरू किया गया।
अभियान के लिए लांच की गई वेबसाइट सदस्य देशों में रहनेवाले निर्वासित तिब्बती लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता की वकालत करने वाले सभी समूहों के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी, ताकि वे २०२४ के यूरोपीय चुनावों के उम्मीदवारों से तिब्बत के लिए समर्थन की घोषणा करवा सकें और तिब्बत की स्थिति पर उनकी पार्टियों की राजनीतिक स्थिति पर सवाल उठा सकें।
यह अभियान ब्रुसेल्स स्थित तिब्बत कार्यालय और ‘इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत (आईसीटी)’ द्वारा लंदन और जिनेवा स्थित तिब्बत कार्यालयों और अंतरराष्ट्रीय तिब्बत नेटवर्क के सहयोग से संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है। इसका उद्देश्य यूरोपीय संसद के वर्तमान और भविष्य के सदस्यों का समर्थन जुटाना है। समूह यूरोप में तिब्बती समुदाय, वी-टैग सदस्य और तिब्बत का पक्ष रखने वाले अन्य सभी समूह, तिब्बत के समर्थक यूरोपीय संसद के सदस्यों के एक समर्पित समूह को फिर से स्थापित करेगा, ताकि आगामी संसद के कार्यकाल में यूरोपीय संघ के एजेंडे पर तिब्बत की निरंतर उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके।
कार्यक्रम में वक्ताओं में यूरोपीय संसद के सदस्य- मिकुलस पेक्सा, सलीमा येनबौ, औसरा मालदेइकियेन के अलावा ब्रुसेल्स में परम पावन दलाई लामा के प्रतिनिधि रिगज़िन जेनखांग और इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत के कार्यकारी निदेशक वांगपो टेथोंग शामिल थे।
कार्यक्रम में आईसीटी ब्रुसेल्स के संसदीय सहायक विंसेंट मेट्टेन और मेलानी ब्लोंडेल, तिब्बत कार्यालय, ब्रुसेल्स के थिनले वांगड्यू और वी-टैग सदस्य भी शामिल हुए।
कार्यक्रम के समापन पर यूरोपीय संसद के सदस्यों को पारंपरिक तिब्बती दुपट्टा भेंट किया गया।