भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

संवाद की होगी 21 वीं सदी ।

February 10, 2011

जोधपुर ,(निसं). नोबल पुरस्कार विजेता , शांति के दूत और तिब्बतियों के धर्म गुरु दलाई लामा ने छात्रों से कहा है कि 21 वीं सदी में शांति परम आवश्यक है और शांति कायम करना छात्रों की ही जिम्मेदारी है।
छात्रों को शांति की स्थापना के लिए काम करना होगा, अहिंसा के सिद्धान्तों के अनुरुप छात्रों को अपना दृष्टिकोण विकसित करना होगा । छात्रों को यह समझना होगा और इस बात को अपने हदय में आत्मसात करना होगा कि 21 वीं सदी में शांति स्थापना की जिम्मेदारी उनके कंधों पर ही है। अपने शहर की तीन दिवसीय यात्रा पर आए तिब्बति धर्म गुरु दलाई लामा आज अपने प्रवास के दूसरे दिन होटल हरिताज में अरावली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट के छात्रों स् रु-ब- रु हुए। अपने उदबोधन के बाद दलाई लामा ने छात्रों के प्रश्नो के उत्तर भी दिए।
दलाई लामा ने अपने सार गर्भित संबोधन में कहा कि 21 वीं सदी को संवाद की सदी के रुप में याद किया जाएगा। हमें यह मान लेना चाहिए कि संवाद से ही समस्याओं का निराकरण संभव है। समस्या चाहे अन्तर्राष्ट्रीय हो, राष्ट्रीय हो या फिर स्थानीय स्तर की सभी समस्याओं का निराकरण केवल संवाद के माध्यम से ही संभव है। दलाई लामा ने कहा कि हम स्वयं -केन्द्रित होकर या फिर अपनी शर्तों पर ही किसी समस्या का समाधान नहीं कर सकते । आज विश्व में मानव मूल्यों की स्थापना की जरुरत शिद्दत के साथ महसूस की जा रही है।आपसी विश्वस , सहयोग , समन्वय , आपसी समझ और सहनशीलता को बढाना होगा तभी संवाद के माध्यम से हम समस्याओं के निराकरण की राह तलाश पाएंगे।
तिब्बती समस्या । दलाई लामा ने तिब्बत समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि तिब्बत समस्या की स्वीकार्यता धीरे- धीरे बढ रही है।
हम स्वतंत्र होना नहीं चाहते क्योंकि हम गरीब राष्ट्र है और आर्थिक उन्नति चाहते है इसके लिए चीन के साथ रहने में हमें समस्या नहीं है और चीन व अन्य देश भी हमारी इन भावनाओं का अब समर्थन कर रहे है। दलाई लामा ने यह आशा जताते हुए कि , तिब्बत समस्या का शीघ्र निराकरण हो जाएगा, कहा कि हम स्वतंत्रता नहीं मगर स्वायत्तता चाहते है। हमारी संस्कृति और परंपराओं के अनुरुप हम रहें।


विशेष पोस्ट

परम पावन दलाई लामा लेह के सिंधु घाट पर उत्सवी दोपहर भोज में शामिल हुए

22 Aug at 9:36 am

लुधियाना के तिब्बती व्यापारी संघ ने परम पावन दलाई लामा के सम्मान में ‘करुणा वर्ष’ और भारत का ७९वां स्वतंत्रता दिवस मनाया

18 Aug at 10:55 am

लेह स्थित लद्दाख बौद्ध संघ और लद्दाख गोंपा संघ की दीर्घायु प्रार्थना में शामिल हुए परम पावन दलाई लामा १७ अगस्त, २०२५

17 Aug at 10:32 am

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने वाराणसी में केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान का दौरा किया, नामांकन में गिरावट पर चिंता व्यक्त की

11 Aug at 9:40 am

चिली में सार्वजनिक व्याख्यान “तिब्बत की प्रतिध्वनियाँ: निर्वासन में संस्कृति और परंपरा के माध्यम से पहचान को बनाए रखना” के माध्यम से तिब्बती संस्कृति और वकालत पर प्रकाश डाला गया

10 Aug at 10:51 am

संबंधित पोस्ट

परम पावन दलाई लामा लेह के सिंधु घाट पर उत्सवी दोपहर भोज में शामिल हुए

2 weeks ago

लुधियाना के तिब्बती व्यापारी संघ ने परम पावन दलाई लामा के सम्मान में ‘करुणा वर्ष’ और भारत का ७९वां स्वतंत्रता दिवस मनाया

2 weeks ago

लेह स्थित लद्दाख बौद्ध संघ और लद्दाख गोंपा संघ की दीर्घायु प्रार्थना में शामिल हुए परम पावन दलाई लामा १७ अगस्त, २०२५

2 weeks ago

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने वाराणसी में केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान का दौरा किया, नामांकन में गिरावट पर चिंता व्यक्त की

3 weeks ago

चिली में सार्वजनिक व्याख्यान “तिब्बत की प्रतिध्वनियाँ: निर्वासन में संस्कृति और परंपरा के माध्यम से पहचान को बनाए रखना” के माध्यम से तिब्बती संस्कृति और वकालत पर प्रकाश डाला गया

3 weeks ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service