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सिक्योंग ने मुंडगोड संभूत छात्रों के साथ बातचीत की, आत्मविश्वास और आंदोलन के महत्व पर प्रकाश डाला

April 11, 2021

tibet.net
मुंडगोड।  आज 07 अप्रैल की सुबह मुंडगोड तिब्बती बस्ती में पहुंचने के साथ ही सिक्योंग डॉ. लोबसांग सांगेय ने बस्ती में अपने दो दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत की। सबसे पहले उन्होंने संभूत तिब्बती स्कूल, मुंडगोड के छात्रों को संबोधित किया।

डॉ. सांगेय ने इस स्कूल का प्रशासन मई 2018 में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के शिक्षा विभाग के तहत चलने वाले संभूत तिब्बती स्कूल को सौंपे जाने के बाद से स्कूल के शैक्षणिक क्षेत्र में प्रदर्शन में समग्र सुधार के लिए संभूत तिब्बती स्कूल के प्राचार्य, कर्मचारियों और छात्रों को बधाई दी।

स्कूल की प्राचार्य सांगपो रिगज़िन के अनुसार, दसवीं कक्षा के छात्रों के उत्तीर्ण होने का प्रतिशत 2018 के 75.51% से बढ़कर 2020 में 100% हो गया। इसी तरह, कक्षा 12वीं का उत्तीर्ण प्रतिशत 2019 में  96.39% से बढ़कर 96.97% हो गया।

डॉ. सांगेय ने कहा, ‘शिक्षा विभाग द्वारा जिम्मेदारी संभाले जाने और संचालित किए जाने के बाद ‘एसटीएस मुंडगोड का आया परिणाम विभाग द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों की दक्षता का प्रमाण है।’

सिक्योंग ने कहा कि शिक्षा के अवसर को सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए उनके प्रशासन ने उन सभी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने का निर्णय लिया है, जो संभूत तिब्बती स्कूल और तिब्बतियों के लिए केंद्रीय विद्यालय से बारहवीं कक्षा में 50% से अधिक अंक लेकर उत्तीर्ण हुए हैं।

डॉ. सांगेये ने छात्रों को बताया कि हमारा राजनीतिक शरणार्थी होना हमारी सफलता के रास्ते में बाधा नहीं बनना चाहिए। डॉ. सांगेय ने सफलता हासिल करने की राह में आनेवाली अनेक चुनौतियों पर काबू पाने के अपने अनुभवों को याद करते हुए कहा कि राजनीतिक शरणार्थी के तौर पर हमारी स्थिति को छोड़ दें तो हमें पता होना चाहिए कि हम क्षमता, अवसर और संसाधनों के मामले में कम नहीं हैं।

डॉ. सांगेय ने कहा, ‘अगर मैंने उच्च शिक्षा प्राप्त करने की अपनी आकांक्षा को परिस्थितियों के वश में आकर कम कर देता तो शायद आज मैं यहां नहीं होता।’

डॉ. सांगेय ने छात्रों को सलाह दी कि जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि आप शिक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए हमेशा ‘विजयी मानसिकता’ बनाए रखें न कि ‘पीड़ित होने की मानसिकता’ से रहें। अंत में, डॉ. सांगेय ने कहा कि व्यक्तित्व के समग्र विकास के लिए सम्यक चरित्र अति आवश्यक है।

डॉ. सांगेय ने छात्रों से आग्रह किया कि वे बुरी आदतों से बचें। बुरी आदतें कुछ समय के लिए लुभावना हो सकता है लेकिन यह आपको कहीं का नहीं छोड़ेगा। धूम्रपान शांतिप्रिय लग सकता है, लेकिन यह अंत में आपके जीवन को बर्बाद कर देगा।

छात्रों को संबोधन के बाद डॉ. सांगेय ने पूर्व सैनिक कल्याण संघ कार्यालय का औचक दौरा किया और उन तिब्बतियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने भारतीय सेना में कार्यरत रहने के दौरान ड्रेपुंग लाची मठ में दोपहर के भोजन के लिए जाते समय अपने जीवन को उत्सर्ग कर दिया।

डॉ. सांगेय का अगला कार्यक्रम शाम के समय बस्ती में कुछ मठों का दौरा करने और बाद में ड्रेपंग मठ के भिक्षुओं से मिलने और बातचीत करने के लिए निर्धारित किया गया है।

– तेनजिन वांगचुक द्वारा जारी


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