भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने कोलकाता के साल्ट लेक में ‘तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन’ विषयक संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

January 6, 2023

tibet.net 

कोलकाता। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने कोर ग्रुप फॉर तिब्बती कॉज-इंडिया के ईस्टर्न रीजन- III की क्षेत्रीय संयोजक श्रीमती रूबी मुखर्जी द्वारा आयोजित ईजेडसीसी हॉल (साल्ट लेक,कोलकाता) में आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में भाग लिया। यह संगोष्ठी पीआरसी द्वारा तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन, तिब्बत में पर्यावरण के विनाश (वनों की कटाई, अवैध खनन, बांधों का निर्माण-पानी के अधिकार का उल्लंघन), परम पावन दलाई लामा को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित करने,भारत के साथ चीन की सीमा की प्रामाणिकता और कैलाश- मानसरोवर की मुक्ति पर केंद्रित थी।

०३ जनवरी को कोलकाता पहुंचने पर सिक्योंग का राष्ट्रीय संयोजक श्री आर.के. खि‍रमे, तिब्बती निवासियों (ज्यादातर मौसमी खुदरा विक्रेताओं) और क्षेत्रीय कोर समूह के अन्य सदस्यों ने स्‍वागत किया। इसके बादप्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया और रिपब्लिक टीवी चैनल ने सिक्योंग के साथ हाल के विकासशील मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अलग-अलग विशेष साक्षात्कार आयोजित किया। ०४जनवरी कोसिक्योंग के स्वागत समारोह में पारंपरिक बांग्‍ला नृत्य का प्रदर्शन हुआ। इसके साथ ही एक दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन हुआ। शुरू में श्रीमती रूबी मुखर्जी की परिचयात्मक टिप्पणी के बाद मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य लोगों को मंच परऔपचारिक तिब्बती खटग भेंट किए गए। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए श्री आर.के.खिरमे ने चीन द्वारा १९५९ में तिब्बत पर अवैध रूप से कब्जा करने के बाद परम पावन दलाई लामा और तिब्बती लोगों की राजनीतिक शरणार्थियों के रूप में भारत यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने पर्यावरण और राजनीतिक पहलुओं के संदर्भ में ‘क्यों तिब्बत भारत के लिए इतना महत्वपूर्ण है’का सिंहावलोकन प्रस्‍तुत किया। उन्होंने भारत के लोगों से तिब्बत और उसके आंदोलन में शामिल होने और सहायता करने का आग्रह किया।

इसके अतिरिक्तउद्घाटन सत्र के दौरान सीटीए के संग्रह से ‘तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन’पर दो वृत्तचित्र वीडियो प्रस्तुत किए गए। समारोह के मुख्य अतिथि सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने सभा को संबोधित करते हुए सातवीं शताब्दी से तिब्बत और भारत के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने देवनागरी से तिब्बती लिपियों की व्युत्पत्ति और परिणामस्वरूप भारत से निकले बौद्ध धर्म को अपनाने का उल्लेख करते हुए अपने व्याख्यान में तिब्बत को प्राचीन भारतीय परंपराओं के भंडार के रूप में याद किया। इसके अलावाउन्होंने युवा तिब्बतियों को उनकी परंपराओं से अलग करने के लिए औपनिवेशिक बोर्डिंग स्कूलों की शुरुआत के माध्यम से तिब्बतियों के मानवाधिकारों के हनन, तिब्बतियों को रोकने के लिए ग्रिड-लॉक प्रणाली के कार्यान्वयन, डीएनए नमूनों का संग्रह और आंखों की पुतलियों की स्कैनिंग और सांस्कृतिक मुद्दों के साथ-साथ तिब्बत के भीतर असंतुष्टों के सर्वेक्षण करने जैसे चीन के दुर्व्यवहार से अवगत कराया। लगभग ८० प्रतिशत तिब्बती बच्चों को औपनिवेशिक शैली के चीनी बोर्डिंग स्कूलों में जाना पड़ता है, जहां उन्हें न तो तिब्बती भाषा और न ही तिब्बती संस्कृति सिखाई जाती है। ऐसे स्‍कूलों में उन्हें केवल चीनी लोकाचार में ही प्रशिक्षित किया जाता है। संगोष्‍ठी में चीन की ‘एकल हान राष्ट्रीय पहचान की भावना को मजबूत करने’ की सशक्त नीति का परिचय दिया गया,जिसका लक्ष्‍य  तिब्बती पहचान का विनाश और उसका चीनीकरण करना है। इस  नीति ने तिब्बत के अंदर तिब्बतियों को शांतिपूर्ण विरोध करते हुए आत्मदाह करने के लिए प्रेरित किया है।

उन्होंने आगे तिब्बत में यारलुंग त्सांगपो (ब्रह्मपुत्र) पर मेगा बांधों के अवैध निर्माण के माध्यम से पीआरसी द्वारा तिब्‍बत में पर्यावरण विनाश के बारे में जानकारी दी गई, जिससे असम और बांग्लादेश की जल सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया और यहां तक कि इन तटवर्ती क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा भी आ सकती है। २०१८में यह देखा गया था कि तिब्बत से ब्रह्मपुत्र नदी में कीचड़ भरा पानी बह रहा था, जो नदी के ऊपर के क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों का संकेत देता है। समाप्त करने से पहलेसिक्योंग ने तिब्बती आंदोलन और इसके कारण के प्रति उनके अथक समर्थन के लिए आयोजन टीम और भारत के लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम को बांग्‍ला डेली न्यूज पेपर बार्टमैन के संपादक डॉ. मानस घोष, प्रसिद्ध लेखक श्री पृथ्वीराज सेन (सर्वोच्च व्यक्तिगत पुस्तक लेखक),प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. नारायण चक्रवर्ती और प्रख्यात शिक्षाविद प्रो. पुलक नारायण धर ने भी संबोधित किया। उद्घाटन सत्र के समापन के बादविभिन्न भारतीय मीडिया घरानों द्वारा सिक्योंग का साक्षात्कार लिया गया और स्थानीय तिब्बतियों के साथ संक्षिप्त बातचीत की गई। संगोष्ठी में लगभग ३०० स्थानीय भारतीयों ने पंजीकरण कराया।इसमें आम लोग, छात्र, एनजीओ के सदस्य और स्थानीय तिब्बती लोग शामिल हुए।


विशेष पोस्ट

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

13 May at 10:44 am

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

9 May at 11:40 am

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

9 May at 10:26 am

भारत-तिब्बत सहयोग मंच की 26वीं वर्षगांठ के समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ शामिल हुईं कलोन डोल्मा ग्यारी

7 May at 10:35 am

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने भारत का ७६वां गणतंत्र दिवस मनाया

26 Jan at 10:14 am

संबंधित पोस्ट

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने बेलेविले-ट्रेंटन तिब्बती समुदाय का पहला आधिकारिक दौरा किया

10 hours ago

सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग ने अपर टीसीवी स्कूल में 11वें पंचेन लामा के जबरन गायब होने की 30वीं वर्षगांठ मनाई

2 days ago

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने कनाडाई संसद सदस्य य्वोन बेकर से मुलाकात की

2 days ago

सांसद तेनपा यारफेल और फुरपा दोरजी ग्यालधोंग ने नेपाल में दोथांग नोरज़िनलिंग का दौरा किया

3 days ago

प्रतिनिधि रिग्जिन जेनखांग ने तिब्बत की नदियों पर बांध बनाने पर सम्मेलन का समापन किया और यूरोपीय संघ के सांसदों के साथ बातचीत की

3 days ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: indiatibet7@gmail.com

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service