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सिक्योंग लोबसांग सांगे ने चीनी एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से धर्मशाला आने का आहवान किया

November 9, 2012

8 नवंबर, 2012

प्रेस रिलीज

सिक्योंग लोबसांग सांगे ने चीनी एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से धर्मशाला आने का आहवान किया
तिब्बत में 6 और तिब्बतियों ने आत्मदाह किया

कशाग ने तिब्बत पर संयुक्त राष्ट्र के हाल के बयान को चीन द्वारा अपने आंतरिक मामलों में दखल बताकर खारिज करने और उसके इन आरोपों की आलोचना की है कि तिब्बत में हो रहे मौजूदा विरोध प्रदर्शनों के पीछे तिब्बती नेतृत्व का हाथ है। तिब्बती जनता के लोकतांत्रिक रूप से चुने हुए नेता और तिब्बत के परमपावन दलार्इ लामा के राजनीतिक उत्तराधिकारी सिक्योंग डा. लोबसांग सांगे ने कहा कि, ‘तिब्बत के मौजूदा दु:खद हालात के लिए जिम्मेदारी और समाधान निकालना पूरी तरह से बीजिंग के ऊपर है। हम चीन सरकार के प्रतिनिधियों और साथ ही किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्र संस्था का स्वागत करेंगे कि वह धर्मशाला, भारत स्थित हमारे कार्यालयों में आकर इन आरोपों की जांच करे।’

उन्होंने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त नवी पिल्लर्इ के इस आग्रह की तारीफ करते हैं कि चीन सरकार ‘लंबे समय से जारी उन शिकायतों के समुचित समाधान करे जिनसे तिब्बती इलाकों में आत्मदाह जैसे विरोध प्रदर्शनों के चरम घटनाओं में चिंताजनक बढ़ोतरी हो रही है।’ पिल्लर्इ ने कहा था कि चीन को ‘संयुक्त राष्ट्र विशेष प्रतिवेदकों द्वारा विभिन्न मानवाधिकार मसलों की जांच के लिए चीन के आधिकारिक दौरे के लिए 12 लंबित अनुरोधों को स्वीकार करना चाहिए।’

हम अन्य राजदूतों एवं प्रेस के सदस्यों से यह अनुरोध करते हैं कि वे चीन में अमेरिकी राजदूत माननीय गैरी लाक की तरह तिब्बती इलाकों का दौरा करें और मौजूदा मानवाधिकार स्थिति की जांच करें।

समूचे तिब्बत जिससे आत्मदाह करने वालों की कुल संख्या बढ़कर 69 तक पहुंच गर्इ है। आत्मदाह करने वाले लगभग सभी लोग उस पीढ़ी के हैं जो 1949 में तिब्बत पर चीनी कब्जे के बाद पली-बढ़ी है।

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन फिर से यह बात दोहराता है कि इन आत्मदाह की वजहें स्वयं ही स्पष्ट है: राजनीतिक दमन, आर्थिक हाशियाकरण, पर्यावरण विनाश और सांस्कृतिक विलोपन। 18वीं पार्टी कांग्रेस के दौरान चुने गए चीनी नेताओं को यह बात स्वीकार करनी होगी कि तिब्बत में चीन की कठोर नीतियां पूरी तरह से विफल हो चुकी हैं और सिर्फ संवाद के द्वारा ही एक शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान निकाला जा सकता है। डा. सांगे ने कहा, ‘हमारा यह दृढ़ रूप से मानना है कि दमन के अंत से प्रभावी तरीके से आत्मदाह के चक्र को खत्म किया जा सकेगा।’

कशाग


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