
धर्मशाला। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) ने अमेरिकी सीनेट द्वारा विधेयक-१३८ को ‘तिब्बत-चीन विवाद समाधान अधिनियम’ शीर्षक से सर्वसम्मति से पारित किए जाने की सराहना की है। अमेरिकी सीनेट ने २३ मई २०२४ को दोनों सदनों और दोनों दलों के सर्मथन वाले विधेयक को पारित कर दिया। इस विधेयक को इंडियाना से रिपब्लिकन सीनेटर टॉड यंग के साथ कांग्रेस-कार्यकारी आयोग के सह-अध्यक्ष ओरेगन से डेमोक्रेट सीनेटर जेफ मर्कले ने संयुक्त रूप से प्रायोजित किया था।
तिब्बत समाधान विधेयक (रिजॉल्व तिब्बत बिल) के नाम से जाना जाने वाला यह अधिनियम तिब्बत-चीन संघर्ष का समाधान करने के लिए पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना और परम पावन दलाई लामा के प्रतिनिधियों या लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित तिब्बती नेताओं के बीच बिना किसी पूर्व शर्त के सीधे संवाद की वकालत करने की अमेरिकी नीति की पुष्टि करता है। यह मानता है कि तिब्बत-चीन संघर्ष अभी भी अनसुलझा है और तिब्बत की कानूनी स्थिति को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार देखा किया जाना बाकी है। इसके अतिरिक्त, इस कानून का उद्देश्य तिब्बत के बारे में चीनी सरकार के दुष्प्रचारों का मुकाबला करना है, जिसमें तिब्बत के इतिहास, संस्कृति, लोगों और संस्थानों के बारे में मनगढ़ंत कथानक शामिल हैं। इनमें परम पावन दलाई लामा का इतिहास भी शामिल है।
सीनेटर मर्कले ने कहा, ‘दुनिया भर में हर व्यक्ति को स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय का प्राकृतिक अधिकार प्राप्त है, जिनमें तिब्बतियों के लिए अधिकार भी शामिल हैं। तिब्बत-चीन विवाद के समाधान को बढ़ावा देने वाला हमारा दोनों दलों और दोनों सदनों से पारित सर्वसम्मत अधिनियम पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) की चालों का सीधा जवाब है, जो तिब्बती लोगों के मौलिक अधिकारों को रौंद रहा है। यह विधेयक पीआरसी और तिब्बत के बीच चल रहे विवाद के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देता है और तिब्बत और उसके इतिहास के बारे में पीआरसी के दुष्प्रचारों का मुकाबला करता है। अब यह सीनेट से पारित हो गया है और हम इसे राष्ट्रपति बिडेन की टेबल तक पहुंचाने का काम करेंगे, ताकि तिब्बत के लोगों को भविष्य में अपनी जिम्मेदारी संभालने का रास्ता साफ हो सके।’
सीनेटर यंग ने कहा, ‘तिब्बत के प्रति चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की आक्रामकता उसके अपने स्वार्थ में है। इसमें बातचीत और यहां तक कि तिब्बत की परिभाषा भी सीसीपी की इच्छा पर निर्भर है। हमें तिब्बत को लेकर अमेरिकी नीति को पुनर्निर्धारित करना चाहिए और संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए तिब्बती लोगों की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाली बातचीत और दलाई लामा के साथ सीसीपी की वार्ता फिर से शुरू कराने पर जोर देना चाहिए। सीनेट से इस कानून को पारित होना अमेरिका के इस संकल्प को दर्शाता है कि तिब्बत और अन्य जगहों पर सीसीपी की कब्जे वाली यथास्थिति स्वीकार्य नहीं है।’
सिक्योंग पेन्पा शेरिंग ने सीनेट द्वारा बिल पारित किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘साका दावा के दिन बहुत ही शुभ हैं। अमेरिकी सीनेट ने सर्वसम्मति से तिब्बत समाधान विधेयक (रिजॉल्व तिब्बत बिल) को पारित कर दिया। यह एक अहम कदम है जो हमें इस विधेयक के अधिनियमन की दिशा में महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाता है और हमें सही दिशा की ओर ले जाता है। विधेयक को लेकर अब तक की प्रगति सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। इसे अकेले एक व्यक्ति या समूह द्वारा पूरा नहीं किया जा सकता था। अपने सीमित मानवीय और वित्तीय संसाधनों के बावजूद हमने यह प्रदर्शित किया है कि एक साथ काम करके हम अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। हम विशेष रूप से इस विधेयक के प्रायोजकों- सीनेटर जेफ मर्कले और सीनेटर टॉड यंग तथा इस विधेयक का समर्थन करने वाले सभी सह-प्रायोजकों और विधेयक को समर्थन देने के लिए सीनेट के आभारी हैं।’