भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

सीटीए ने तिब्बती लोकतंत्र दिवस की ६२वीं वर्षगांठ मनाई

September 3, 2022

 

tibet.net

०२ सितंबर २०२२

धर्मशाला। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) ने ६२वें तिब्बती लोकतंत्र दिवस के अवसर पर आज ०२ सितंबर कीसुबह १० बजे त्‍सुगलकखांग में एक संक्षिप्त समारोह का आयोजन किया।

मुख्य अतिथि विधायक श्री विशाल नेहरिया की अध्यक्षता में समारोह का नेतृत्व कार्यवाहक सिक्योंग कालोन थरलाम डोल्मा चांगरा, कालोन ग्यारी डोल्मा, निर्वासि‍त तिब्‍बती संसद के अध्यक्ष खेंपो सोनम तेनफेल, उपाध्यक्ष डोल्मा त्सेरिंग, कार्यवाहक मुख्य न्यायिक आयुक्त कर्मा दादुल के अलावा विभागों के सचिवों और अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्तियों ने किया।

कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यवाहक सिक्योंग द्वारा तिब्बती ध्वज फहराने के साथ-साथ तिब्बती राष्ट्रगान और भारतीय राष्ट्रगान से किया गया।

औपचारिक परंपरा का पालन करते हुएटीपा ने लोकतंत्र गीत के गायन में सभा का नेतृत्व किया।

लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत कशाग और न्यायपालिका के विकास पर बोलते हुए कार्यवाहक सिक्योंग ने लोकतंत्र दिवस पर कशाग का बयान पढ़ा।

उन्होंने कहा, ‘कशाग की स्थापना सातवें दलाई लामा केलसांग ग्यात्सो द्वारा की गई थी, जब उन्होंने १७५१में तिब्बत का आध्यात्मिक और राजनीतिक नेतृत्व ग्रहण किया था। उस समय कशाग तीन सामान्‍य नागरिक मंत्री और एक भिक्षु मंत्री से बना था, जिसकी संरचना में क्रमिक परिवर्तन हुए हैं। पहले राजा न्यात्री त्सेनपो से गादेन फोडंग तक तिब्बती सरकार की वैधता की निर्बाध निरंतरता का प्रतीक सातवें दलाई लामा द्वारा तत्कालीन कशाग को आधिकारिक मुहर, कथम शिशी डिकी सौंपने की परंपरा है। कशाग परिवर्तन के दौरान मुहर सौंपने की परंपरा अब तक जारी है।‘

इसके अलावा, उन्होंने भारत में निर्वासित सरकार की स्थापना से लेकर परम पावन चौदहवें दलाई लामा द्वारा लोकप्रिय निर्वाचित नेतृत्व को शक्तियों के हस्तांतरण तक तिब्बती लोकतंत्र के महत्वपूर्ण पड़ावों पर भी प्रकाश डाला।

कार्यवाहक सिक्योंग ने हाल ही में यानि,२३ जून २०२२ को अमेरिकी कांग्रेस की सुनवाई को लेकर प्रसन्‍नता जताई,जो तिब्बत की ऐतिहासिक स्थिति पर विशेषज्ञों की अपनी तरह की पहली सुनवाई थी। उन्‍होंने १३ जुलाई २०२२को ‘तिब्बत-चीन संघर्ष निदान को बढ़ावा देने के लि‍ए प्रस्‍ताव अधिनियम (द प्रोमोटिंग ए रिजोल्‍यूशन टू द तिब्‍बत- चाइना कंफ्ल‍िक्‍ट ऐक्‍ट) के लिए अमेरिकी प्रति‍निधि सभा सदस्‍यों- मैकगवर्न और मैककॉल की भी सराहना की। उन्‍होंने कहा,‘यह न केवल केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की मध्यम-मार्ग नीति के अनुरूप है, बल्कि बातचीत के माध्यम से चीन-तिब्बत संघर्ष को हल करने के हमारे प्रयासों का लाभ उठाने में भी मदद करता है। हम यूरोप में समान विचारधारा वाले देशों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयास करना जारी रखेंगे।‘

इसके बाद, निर्वासित तिब्‍बती संसद के स्‍पीकर खेंपो सोनम तेनफेल ने इस दिन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘शासन की लोकतांत्रिक व्यवस्था इस धारणा पर आधारित है कि किसी व्यक्ति की सामाजिक स्थिति के आधार पर उसके साथ कोई भेदभावपूर्ण बर्ताव नहीं किया जाना चाहिए। इसमें प्रश्न यह नहीं होना चाहिए कि वह कितना शक्तिशाली है या कमजोर, अमीर है या गरीब, वह व्यक्ति पुरुष है या महिलाया उसके वंश और जाति क्‍या है। बल्कि, यह एक ऐसी व्यवस्था है जो समाज को समग्रता में या एकसमान रूप से देखती है, जिसमें सभी को समान रूप से देखा जाता है और प्राथमिक ध्यान आम जनता की इच्छा के आधार पर कार्य करने पर दिया जाता है।‘

इस तरह की एक महान प्रणाली को संस्थागत रूप देने के उद्देश्य सेदुनिया भर के देशों में युद्ध, विद्रोह और संघर्ष जैसे बहुत सारे विवाद हुए हैं। इस तरह की उथल-पुथल में जीत या हार से नतीजे तय होते हैं। इस तरह के विभिन्न माध्यमों से लोकप्रिय इच्छा शक्ति के द्वारा शासन प्रणाली की प्राप्ति की प्रवृत्‍त‍ि आज भीपूरी दुनिया में बनी हुई है।

लेकिन हमारे लोकतंत्र के विकास में ऐसा कुछ नहीं हुआ। बल्कि यह बिना किसी अशांति के घटित हुआ, क्योंकि यह हमें परम पावन दलाई लामा द्वारा खुशी के साथ और तिब्बती लोगों के प्रति उनके महान स्नेह के कारण उपहार में दिया गया है। निर्वासि‍त तिब्बती लोगों की लोकतांत्रिक व्यवस्था के विकास के पाठ्यक्रम से यह सब बहुत स्पष्ट है।

इसी प्रकार मुख्य अतिथि विधायक विशाल नेहरिया ने निर्वासन में फलते-फूलते तिब्बती समुदाय और अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के माध्यम से धर्मशाला को एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनाने में उसकी भूमिका की सराहना की।

इसके बाद, मेवेन त्सुगलग पेटोएन, अपर टीसीवी और योंगलिंग स्कूल के छात्रों ने उपस्थ‍ित दर्शकों के समक्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रदर्शन किया। दर्शकों के लिए टीपा ने भी अपनी प्रस्तुति दी।

सिक्योंग छात्रवृत्ति विजेताओं को प्रमाण-पत्र प्रदान करने की वार्षिक परंपरा के अनुसार, कार्यवाहक सिक्योंग ने बारहवीं कक्षा की अखिल भारतीय परीक्षा के टॉपर्स, डॉक्टरेट शोधकर्ताओं और गाडेन फोडंग छात्रवृत्ति विजेताओं को प्रमाण-पत्र प्रदान किए।

इसी तरह, स्‍पीकर ने सीटीए में पच्चीस वर्ष की सेवा पूरी कर चुके सिविल सेवा कर्मचारियों को उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने गृह विभाग की पहल यस कार्यक्रम के विजेताओं को भी सम्मानित किया।

कार्यक्रम का समापन कार्यवाहक मुख्य न्यायि‍क आयुक्त द्वारा प्रतिनिधि टी.जी.आर्या के ‘हार्नेसिंग द ड्रैगन्स फ्यूम’ के तिब्बती अनुवाद के विमोचन के साथ हुआ।


विशेष पोस्ट

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

13 May at 10:44 am

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

9 May at 11:40 am

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

9 May at 10:26 am

दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों का यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में कड़ा विरोध

8 May at 9:05 am

परम पावन दलाई लामा ने दीर्घायु प्रार्थना में भाग लिया

7 May at 9:10 am

संबंधित पोस्ट

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने टीसीसीसी तिब्बती भाषा एवं संस्कृति स्कूल में तिब्बतियों को संबोधित किया

2 days ago

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने बेलेविले-ट्रेंटन तिब्बती समुदाय का पहला आधिकारिक दौरा किया

2 days ago

सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग ने अपर टीसीवी स्कूल में 11वें पंचेन लामा के जबरन गायब होने की 30वीं वर्षगांठ मनाई

4 days ago

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने कनाडाई संसद सदस्य य्वोन बेकर से मुलाकात की

4 days ago

सांसद तेनपा यारफेल और फुरपा दोरजी ग्यालधोंग ने नेपाल में दोथांग नोरज़िनलिंग का दौरा किया

5 days ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service