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सेक्युलर सोच से ही समाज का विकास संभव : दलाई लामा

February 2, 2015

दैनिक जागरण, 2 फ़रवरी 2015

2015-02-01-Sankisa-G07लखनऊ। बौद्ध आध्यात्मिक गुरु दलाईलामा तेन्जिन ज्ञात्सो का मानना है कि सेक्युलर सोच से ही समाज का विकास संभव है। फर्रुखाबाद में कल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दलाई लामा से मुलाकात की। इस दौरान दलाई लामा ने कहा कि भगवान बुद्ध ने मानवता के कल्याण के लिए विनय और शील को अपनाकर दुनिया को एक वैज्ञानिक धर्म दिया है और इस धर्म को आगे ले जाने की जिम्मेदारी युवाओं की है। समाजवाद हो या साम्यवाद आध्यात्मिक शक्ति के आगे सभी नतमस्तक होते हैं।

मैनपुरी के गांव जसराजपुर राजघाट पर विशेष प्रवचन के अंतिम दिन तिब्बती धर्मगुरु ने कहा कि जीवों के कल्याण की शिक्षा देने वाले बौद्ध धर्म को मानने वालों की संख्या विश्व में तेजी से बढ़ रही है। इस धर्म को विश्वसनीयता और सत्यता की कसौटी पर कोई चुनौती नहीं दे सकता। भगवान बुद्ध ने मानव कल्याण के लिए विनय और शील को अपनाकर दुनिया को जो वैज्ञानिक धर्म दिया, उसे आगे ले जाने की जिम्मेदारी अब युवाओं की है। धम्मपद को आधार बनाकर प्रत्येक व्यक्ति जीवन को सफलता की ओर उन्मुख कर समाज को नई दिशा दे सकता है। आज का दौर पठन-पाठन का है। इस दौर में बौद्ध धर्म का विस्तृत ज्ञान प्राप्त करने के लिए सभी को ग्रंथों के अध्ययन की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को व्यवहार बदलना है, वह बौद्ध धर्म की शिक्षा को अपनाकर बुद्धत्व को प्राप्त कर सकता है, लेकिन कठिन अभ्यास की जरूरत है। केवल धर्म के नाम पर आस्था रखने से कुछ होने वाला नहीं है, बल्कि व्यक्ति को प्रज्ञा अनुयायी होना चाहिए। दलाई लामा ने बताया कि वह संकिसा में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय खोलेंगे, जिसमें स्थानीय नागरिकों का सहयोग भी लिया जाएगा। विश्वविद्यालय में सभी धर्मो के बारे में शिक्षा दी जाएगी।

2015-02-01-Sankisa-G01लखनऊ से बुद्ध की पावन भूमि संकिसा में दलाईलामा से आशीर्वाद लेने आए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उन्होंने सेक्युलर विचारधारा आगे बढ़ाने का भी संदेश दिया। दलाई लामा से भेंट करने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पत्रकारों को बताया कि दलाईलामा ने संदेश दिया है कि सेक्युलर सोच से ही समाज को तरक्की के रास्ते पर ले जाया जा सकता है। समाज में अलग-अलग धर्म के लोग रहते हैं, लेकिन सबका रास्ता एक है। भारत ने ही नहीं दुनिया ने भी दलाईलामा को पहचाना। उन्हें नोबल पुरस्कार दिया गया। दलाईलामा के आने से संकिसा व आसपास ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को उनके विचार जानने का अवसर मिला। दलाईलामा ने मुख्यमंत्री को शांति का प्रतीक सफेद अंगवस्त्र भेंट किया।

Link of news: http://www.jagran.com/uttar-pradesh/lucknow-city-12038298.html


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