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हिमालयी क्षेत्र के बौद्ध नेताओं ने ११वें पंचेन लामा के ठिकाने का मुद्दा उठाने के लिए संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की

April 25, 2024

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संयुक्त अपील पेश करते हुए ज़ीक्याब रिनपोछे। फोटो / तेनज़िन जिग्मे तायदेह / सी.टी.ए.

धर्मशाला। पंचेन लामा की पारंपरिक सीट- ताशी ल्हुनपो मठ के महंत क्याबजे ज़ीक्याब तुल्कु जेछुन तेनज़िन थुप्टेन रबग्याल, सिक्किम के क्याब्जे लोचन रिनपोछे, छेचोकलिंग तुल्कु तेनजिंग गेलेक और लद्दाख बौद्ध एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष रेगज़िन दोरजे ने संयुक्त रूप से एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर परम पवित्र ११वें पंचेन रिनपोछे की तत्काल रिहाई का आह्वान किया। परम पावन दलाई लामा ने परम पवित्र ११वें पंचेन रिनपोछे को उनके जन्मदिन के अवसर पर मान्यता दी थी।

प्रेस बैठक में ज़ीक्याब रिनपोछे ने स्पीति में प्रमुख मठ के क्याब्जे लोचन रिनपोछे, छेचोकलिंग रिनपोछे और रेगज़िन दोरजय के साथ स्वयं द्वारा हस्ताक्षरित एक संयुक्त अपील पढ़ी। इस अपील में लिखा है, ‘यह बहुत चिंता की बात है कि हम हिमालयी क्षेत्र के चार मठों और संघों और पंचेन लामा की पारंपरिक सीट- ताशी ल्हुनपो मठ का प्रतिनिधित्व करते हुए संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय समुदाय और दुनिया भर की सरकारों से निम्नलिखित पांच बिंदुओं के साथ यह संयुक्त अपील कर रहे हैं।

१. हम विदेशी सरकारों, संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक प्रस्ताव पारित करने का आग्रह करते हैं जिसमें वे चीन स्थित अपने राजदूतों को निर्देश दें कि उनके राजदूत चीन सरकार से ११वें पंचेन लामा से मिलने और उनके ठिकाने और उनकी सेहत के बारे में जानकारी देने का आग्रह करें।

२. हम विदेशी सरकारों, संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ११वें पंचेन लामा को एक ऐसे पुरस्कार से सम्मानित करने का आग्रह करते हैं इस पुरस्कार के माध्यम से उन्हें लगभग २९ वर्षों से जबरन गायब किए जाने के शिकार के रूप में मान्यता दी जाए, जिन्हें उनके मानवाधिकारों, स्वतंत्रता, बच्चे के अधिकार और स्वतंत्र आवाजाही, निवास और अन्य मौलिक अधिकार के साथ ही धार्मिक अधिकारों से वंचित किया गया है।

३. उनकी शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए और उनकी स्थिति पर ध्यान आकर्षित करने के लिए हम विदेशी सरकारों, संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ११वें पंचेन लामा का जन्मदिन मनाने की अपील करते हैं।

४. हम विदेशी सरकारों, संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ११वें पंचेन लामा की खोज समिति के प्रमुख ताशी ल्हुनपो मठ के लामा चैड्रेल रिनपोछे और बहुत सारे तिब्बती राजनीतिक कैदियों की रिहाई के लिए सक्रिय रूप से आह्वान करने का भी आग्रह करते हैं। तिब्बत के अंदर गंभीर स्थिति के कारण विरोध स्परूप अब तक १५८ तिब्बतियों ने आत्मदाह कर लिया है। इनमें नवीनतम आत्मदाह करनेवाले २५ वर्षीय तिब्बती गायक छेवांग नोरबू और इससे पहले २०२२ में आत्मदाह करनेवाले ८१ वर्षीय तपहुन रहे हैं। तिब्बत की गंभीर स्थिति की ओर संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के लिए आत्मदाह करने वालों ने अपने सबसे प्रिय जीवन का बलिदान दिया है। इसलिए, हम विदेशी सरकारों, संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उनकी अपील पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देने का आग्रह करते हैं।

५. तिब्बत में तिब्बतियों की आकांक्षा है कि परम पावन दलाई लामा जल्द से जल्द तिब्बत लौट सकें। इसलिए, हम विदेशी सरकारों, संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दृढ़तापूर्वक अपील करते हैं कि वे पारस्परिक रूप से लाभकारी मध्यम मार्ग के माध्यम से तिब्बत-चीन संघर्ष के समाधान को सक्षम करने के लिए परम पावन दलाई लामा और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए ठोस पहल करने पर विचार करें।

विदेशी सरकारें, उनके नागरिक, संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगातार तिब्बती लोगों का समर्थन करते रहे हैं। इसलिए, हम इस अवसर पर उन सबके प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। आज हमने जो पांच सूत्रीय संयुक्त अपील पेश की है, वह एक तरह से करोड़ों आस्थावानों और अनुयायियों के समग्र कल्याण से भी जुड़ी है और इसलिए, अनेक लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों से भी जुड़ी है।

हमें दृढ़ आशा है कि विदेशी सरकारें, संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय तिब्बती स्थिति की वास्तविकता, विशेष रूप से पंचेन लामा के जबरन गायब होने के मुद्दे पर पर विचार करेंगे और हमारी अपीलों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे।

प्रेस बैठक को संबोधित करते हुए लद्दाख बौद्ध एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष रेगज़िन दोर्जे ने परम पावन ११वें पंचेन लामा के साथ बदसलूकी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की और परम पावन दलाई लामा द्वारा मान्यता दिए जाने के बाद से ही लंबे समय तक उनके गायब रहने पर निराशा व्यक्त की।

उन्होंने भारत सरकार से पंचेन लामा के ठिकाने के संबंध में चीन के साथ बातचीत शुरू करने का आग्रह किया और संयुक्त राष्ट्र से स्थिति में हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने आगे कहा, ‘एक बौद्ध नेता के रूप में मुझे पंचेन लामा की वर्तमान स्थिति पर अत्यधिक संदेह है। स्थिति यह है कि उनके लापता होने के बाद से किसी ने भी उन्हें नहीं देखा है। हमें चीनी सरकार पर दबाव बनाना चाहिए क्योंकि यह हमारे मानवाधिकारों का उल्लंघन है। यह बौद्ध समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण क्षति है और एक परेशान करने वाला संदेश है कि पंचेन लामा इतने वर्षों के बाद भी लापता हैं।’

लद्दाख बौद्ध संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष रेगज़िन दोरजे प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बोलते हुए। फोटो / तेनज़िन जिग्मे तायदेह / सी.टी.ए.

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