भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

कनाडा के लोगों को तिब्बतियों, उइगरों और हांगकांग के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा होना चाहिए: टोरंटो के सांसद भूटिला कारपोचे

December 12, 2019

टोरंटो। उत्तरी अमेरिका में 2018 के चुनाव में जीतकर तिब्बती मूल की पहली जन प्रतिनिधि बनकर इतिहास रचने वाली तिब्बती-कनाडाई एमपीपी भूटिला कारपोचे ने परमपावन दलाई लामा को शांति का नोबेल पुरस्कार मिलने की 30वीं वर्षगांठ और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर 10 दिसंबर को ओंटारियो की असेंबली में तिब्बत में मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति का मुद्दा उठाया।

10 दिसंबर तिब्बतियों के लिए ऐतिहासिक महत्व का दिन है, क्योंकि इसी तारीख को 1989 में तिब्बती आध्यात्मिक नेता परम पावन दलाई लामा को तिब्बत मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों के लिए शांति नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी।

एमएमपी भूटिला कारपोचे ने अपने भाषण में कहा, ‘परमपावन 14वें दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की 30वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मैं आज तिब्बती-कनाडाई के रूप में गर्व का अनुभव कर रही हूं। यह सम्मान परम पावन को 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर तिब्बत की मुक्ति के लिए संघर्ष और हिंसा का उपयोग करने के बजाय शांतिपूर्ण समाधान के प्रयासों के लिए दिया गया है।‘

हालांकि उन्होंने कहा कि तिब्बत में हालात बिगड़ रहे हैं और चीन सरकार द्वारा मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि ‘तिब्बती लोगों को अपनी खुद की भाषा सीखने के अधिकार के पक्ष में खड़े होने पर पर्यावरण कार्यकर्ता अन्या सेंगद्रा और तेनजिन वांगचुक की गैरकानूनी कैद और तिब्बत पर अवैध चीनी कब्जे और उनकी दमनकारी नीतियों के विरोध में 2009 के बाद से 150 से अधिक आत्मदाह की घटनाएं हो चुकी हैं।‘

एमएमपी ने कहा कि चीन के मानवाधिकारों का उल्लंघन केवल तिब्बत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पूर्वी तुर्किस्तान और हांगकांग तक हो रहा है। हाल ही में लीक हुए दस्तावेज से स्पष्ट होता है कि उइगरों को सामूहिक हिरासत में शिविरों में रखा जा रहा है और उनसे जबरन कठोर श्रम करवाया जा रहा है। इसी तरह हांगकांग में लोकतंत्र के लिए चल रहा आंदोलन चीनी सरकार द्वारा सामूहिक गिरफ्तारियों और हिंसा करवा कर इसे बंद करने के प्रयासों के बावजूद सातवें महीने में पहुंच गया था।‘

दलाई लामा के नोबेल शांति पुरस्कार मिलने के समय के भाषण को उद्धृत करते हुए उन्होंने कनाडाई लोगों से स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के पक्ष में तिब्बतियों, उइगरों और हांगकांग के लोगों का समर्थन करने का आग्रह किया।

परम पावन ने उस समय अपने भाषण में खुद का भाग्य विधाता बनने के लिए लोगों के व्यक्तिगत अधिकार और स्वतंत्रता की वकालत की थी।

उन्होंने अपना भाषण समाप्त करते हुए कहा, ‘हमलोग जो आज स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं, हमारी यह भी जिम्मेदारी है कि दूसरों की आजादी के लिए लड़ाई का समर्थन करें।‘


विशेष पोस्ट

तिब्बती एवं हिमालयी क्षेत्र की महिलाओं के अधिकार एवं सुरक्षा: भारत तिब्बत मैत्री संघ का महिला सम्मेलन 22-23 मार्च, 2025 को विश्व युवक केंद्र में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ

25 Mar at 10:14 am

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने भारत का ७६वां गणतंत्र दिवस मनाया

26 Jan at 10:14 am

धर्मशाला स्थित सीटीए के नेतृत्व में तिब्बतियों ने डिंगरी भूकंप पीड़ितों के साथ एकजुटता में प्रार्थना सेवा आयोजित की

8 Jan at 1:50 pm

तिब्बत समर्थक समूहों का नौवां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न

March 25, 2024

चीन ने डैम परियोजना का विरोध कर रहे १००० से अधिक तिब्बतियों को गिरफ्तार किया

February 23, 2024

संबंधित पोस्ट

तिब्बती एवं हिमालयी क्षेत्र की महिलाओं के अधिकार एवं सुरक्षा: भारत तिब्बत मैत्री संघ का महिला सम्मेलन 22-23 मार्च, 2025 को विश्व युवक केंद्र में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ

1 month ago

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने भारत का ७६वां गणतंत्र दिवस मनाया

3 months ago

धर्मशाला स्थित सीटीए के नेतृत्व में तिब्बतियों ने डिंगरी भूकंप पीड़ितों के साथ एकजुटता में प्रार्थना सेवा आयोजित की

4 months ago

तिब्बत समर्थक समूहों का नौवां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न

1 year ago

चीन ने डैम परियोजना का विरोध कर रहे १००० से अधिक तिब्बतियों को गिरफ्तार किया

1 year ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service