नई दिल्ली, आइएएनएस। चीन ने तिब्बत के विवादित इलाके में भारत के अरुणाचल प्रदेश के नजदीक करीब 100 घरों वाला एक गांव बना लिया है। सीमावर्ती इलाके में बना यह गांव सुविधाओं से परिपूर्ण है और युद्ध की स्थिति में सेना को सहायता प्रदान कर सकता है। यह बात अमेरिका के रक्षा विभाग की वार्षिक रिपोर्ट में कही गई है। चीन की गतिविधियों पर यह रिपोर्ट कांग्रेस के समक्ष रखी गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब बुनियादी सुविधाओं के विकास को लेकर अक्सर भारत पर आरोप लगाता रहता है। जबकि वास्तव में चीन यह कार्य खुद तेजी से कर रहा है। कई इलाकों में वह रेलवे लाइन भी बिछा चुका है जिस पर तेज गति से ट्रेन चल सकती हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भड़कावे की कार्रवाई करते हुए चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अपनी सेना को आगे बढ़ा दिया है और अब उसे पीछे करने से इन्कार कर रहा है। जिन इलाकों में उसकी सेना आगे आ गई है, वहां पर चीन अब आधारभूत ढांचा विकसित कर रहा है। चीन का सरकार नियंत्रित मीडिया इसे अपनी सेना का अतिक्रमण नहीं मान रहा। कब्जा की हुई जमीन को अपनी जमीन बता रहा है।

चीनी मीडिया सीमा पर बनी गतिरोध की स्थिति के लिए भारत के अमेरिका के साथ गहरे संबंधों को कारण बता रहा है। कह रहा है कि अमेरिका के इशारे पर भारत विवाद की स्थिति बनाए हुए है जिससे इलाके में तनाव बढ़े। अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि चीन के अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अमेरिका चीन और भारत के मामलों से दूर रहे।

चीन और भारत के बीच राजनयिकों और सैन्य अधिकारियों के मध्य हुई वार्ता के बावजूद एलएसी पर 18 महीने से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। इस दौरान चीन एलएसी पर अपनी स्थिति भी मजबूत करता जा रहा है। इससे नहीं लगता कि विवाद को खत्म करने में उसकी रुचि है। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण से पैदा हुए मुश्किल हालात के बीच चीन के सैनिक मई 2020 में भारतीय इलाके में घुसपैठ कर गए थे।