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चीनी आक्रमण के 50 साल पूरे, जुटेंगे बुद्धिजीवी

October 10, 2012

ललितपुर। हिंदुस्तान संवाद

भारत तिब्बत मैत्री संघ द्वारा अन्तराष्ट्रीय सूचना एवं सम्बन्ध विभाग, केन्द्रीय तिब्बती सचिवालय, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश के निर्देशों पर तिब्बत की आजादी की मांग को लेकर भारत पर चीनी आक्रमण के 50 साल पूर्ण होने पर अक्टूबर 2012 से अक्टूबर 2013 तक विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन प्रस्तावित किए गए हैं।

भारत तिब्बत मैत्री संघ के अध्यक्ष सुधाकर तिवारी ने बताया कि धर्मशाला के तिब्बतन इन्टीटयूट आफ परफार्मिंग आर्टस (टीपा) में विगत जून माह में आयोजित चतुर्थ अखिल भारतीय तिब्बती समर्थक समूह सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम का उदघाटन दलार्इ लामा ने किया था, जिसमें निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री डा लोबसांग सांग्ये, राष्ट्रीय संयोजक एवं वरिष्ठ पत्रकार एनके त्रिखा, अन्तराष्ट्रीय ख्यति प्राप्त फोटोग्राफर एवं तिब्बती मामलों के विशेषज्ञ पत्रकार विजय क्रांति, लोकसभा सदस्या श्रीमती चन्द्रेश कुमारी, लामा चोसफल जोतपा, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारणी सदस्य इन्द्रेश कुमार आदि मौजूद थे।

इस सम्मेलन में तिब्बत की आजादी को लेकर विचार मंथन के उपरांत कर्इ योजनाएं अपनाने का निर्णय लिया गया। मुख्य कार्यक्रमों में फरवरी 2013में नर्इ दिल्ली में एक विराट रैली का आयोजन प्रस्तावित है। नव वर्ष 2013 स्वतन्त्र तिब्बत वर्ष के रूप् में मनाया जाएगा। जिसमें यह उम्मीद की जाएगी कि 14 वें दलार्इ लामा उसी प्रकार सम्मानित तरीके से तिब्बत वापस जाएंगे, जिस प्रकार 1913 में 13वें दलार्इ लामा भारत से तिब्बत वापस लौटे थे। उन्होंने बताया कि आगामी दो वर्षों तक सारे देश में तिब्बत समर्थक समूहों द्वारा क्षेत्रीय सम्मेलन एवं तिब्बत प्रदर्शनी आयोजित की जायेगी, जिसमें भारत तिब्बत मैत्री संघ ललितपुर सहित 14वें दलार्इ लामा को भारत एवं सम्पूर्ण विश्व मानवता के लिए की गर्इ महान सेवाओं को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें भारत रतन से सम्मानित करने का अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि भारत तिब्बत मैत्री संघों एवं कोर ग्रुप फार तिब्बतन काज द्वारा क्षेत्रीय सांसदों एवं राजनैतिक दलों के बीच जाकर इस बात के लिए अभियान चलाया जायेगा कि परम पावन दलार्इ लामा को अन्य देशों की शांति भारतीय संसद में भी सम्बोधन के लिए आमंत्रित किया जाये तथा भारत की विदेशी नीति पर संसद की स्थार्इ समिति का तिब्बत के वर्तमान प्रधानमंत्री से मुलाकात कराने का प्रयास भी किया जाएगा। बालक गेदुन छयोकी नीमा को 10वें पंचेन लामा के अवतार के रूप में मान्यता दिलाने का अभियान चलाया जाएगा।

सुधाकर तिवारी ने बताया कि कार्य योजना में यह भी तय किया गया है कि एक अन्तराष्ट्रीय तिब्बत सम्मेलन आयोजित कर इस बात को भी जोर-शोर से उठाया जाएगा कि चीन सरकार द्वारा तिब्बत पर चलायी जा रही तिब्बत के पर्यावरण को नष्ट करने के कुचक्रों से किस प्रकार वैशिवक पर्यावरण विनाश को आमंत्रित किया जा रहा है। इसका दक्षिण एशिया व दक्षिण पूर्व एशिया के ज्यादातर हिस्सों पर कैसा गंभीर प्रभाव दिनों-दिन पड़ता जा रहा है।


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