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तिब्बत में कोरोना वायरस को लेकर कार्रवाईः गिरफ्तारी, अत्याचार, धार्मिक दमन

February 13, 2020

महामारी से प्रभावित वुहान और तावू के लोगों के साथ एकजुटता के संकेत के रूप में RMB130,000 का योगदान दिया।

savetibet.org, इंटरनेशनल कैंपेन फाॅर तिब्बत

चीन ने कोरोना वायरस के संक्रमणों पर नियंत्रण करने के क्रम में उन लोगों पर ही नकेल कसना शुरू कर दिया है जो तिब्बत में इस घातक बीमारी के बारे में ऑनलाइन जानकारी पोस्ट कर रहे हैं। इनमें एक ऐसे व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है, जिन्होंने इस वायरस को खत्म करने की नीयत से अपने संपर्क वालों लोगों को प्रार्थना करने के लिए प्रोत्साहित किया।

चीनी अधिकारियों ने सार्वजनिक धार्मिक त्योहारों और प्रार्थना समारोहों को रद्द करने का ऐलान कर रखा है। इसमें तिब्बतियों का नववर्ष लोसार का जश्न भी है जो 24 फरवरी से शुरू हो रहा है।

इस वायरस के प्रकोप के मद्देनजर चीन सरकार ने कथित “स्थिरता” बनाए रखने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन करने और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों का अनुपालन कराने के आदेशों के बारे में प्रचार-प्रसार करने के लिए सैन्य और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कैडर के अपने नेटवर्क को सक्रिय कर दिया है।

वायरस के प्रसार के बावजूद, चीनी नेतृत्व ने तिब्बत में एक नए अभियान के तहत आगे बढ़ने का विकल्प चुना है, जिसमें ‘एक करोड़ घरों में दस लाख पुलिसकर्मी भेजना’ शामिल है। इस उद्देश्य स्थानीय समुदायों में निचले स्तर तक से सुरक्षा बलों को परिचित कराना और उनके साथ एकाकार होने को सुनिश्चित करना है। यह अभियान जनवरी में शुरू हुआ और पूरे साल जारी रहेगा।

चीनी सरकार की इस भारी-भरकम आदेशों निर्देशों के विपरीत, तिब्बती लोगों ने करुणा के साथ कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने पर काम करना शुरू कर दिया है। मठों ने फेस मास्क और काले चश्मे की खरीद के लिए धन दान किया है और तिब्बतियों ने उस चीनी भेदिया (व्हिसलब्लोअर) के सम्मान में घी के दीए जलाए, जिन्होंने वायरस के बारे में चेतावनी दी थी और बाद में इससे जिसकी मृत्यु हो गई।

तिब्बती क्षेत्रों में कोरोना वायरस

उपलब्ध जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस का संक्रमण तिब्बती क्षेत्रों में 13 फरवरी 2020 से रूशुरू हुआ। इसे अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 की संज्ञा दी है।

तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र रू एक मामले की पुष्टि हुई, बाद में 12 फरवरी को इसके ठीक होने की घोषणा कर दी गई।

किंघाई रू 18 मामलों की पुष्टि हुई, इनमें से 11 के साथ ठीक होने की सूचना दी गई।

सिचुआनरू कार्देज (चीनीरू गंजी) प्रांत में 37 मामले आए। इनमें से तीन कथित तौर पर ठीक हो गए। इन 37 में से 32 तावु (दाओफू) में, दो सेरथा (सेडा) में, दो डार्टसेडो (कांगडिंग) में और एक डबपा (दाओचेंग) में थे। नगाबा (अबा) में भी एक मामला आने की सूचना मिली।

गांसु रू कान्ल्हो (गन्नन) में सात मामले आए। इनमें से एक ठीक होने की बात कही गई है।

युन्नान रू डेचन प्रान्त ने कहा कि उसके यहां कोई मामला नहीं आया।

संक्रमित व्यक्तियों में से कितने तिब्बती हैं, इसके बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है। हालांकि ऐसी रिपोर्टें हैं कि कार्देज में तिब्बती लोग संक्रमित थे।

अवधि

कोरोना वायरस प्रकोप पर चीनी सरकार की दमनकारी प्रतिक्रिया तिब्बत में पहले से ही संवेदनशील समय में आ रही है।

24 फरवरी को तिब्बती नववर्ष ‘लोसार’ शुरू हो रहा है। लेकिन बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए चीनी अधिकारियों ने छुट्टी के दौरान सार्वजनिक धार्मिक त्योहारों और प्रार्थना समारोहों को रद्द करने की घोषणा कर दी है।

इसके अलावा, तिब्बत में अधिकांश धार्मिक स्थलों को सामूहिक समारोहों को रद्द करने के लिए कहा गया है। किन्हाई प्रांत में अधिकारियों ने सभी सामूहिक धार्मिक गतिविधियों को रद्द करने की घोषणा की और धार्मिक समुदायों से कहा कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और न ही अफवाह फैलाएं।‘

हालांकि कोरोना वायरस के खतरनाक होने में कोई संदेह नहीं है, लेकिन चीनी सरकार ने तिब्बतियों को अपने पारंपरिक धार्मिक और सांस्कृतिक समारोहों में भाग लेने से रोकने के लिए अतीत में हर बहाने का दुरुपयोग ही किया है।

तिब्बत में कोरोना वायरस का आगमन 10 मार्च को मनाए जानेवाले तिब्बती विद्रोह दिवस से कई सप्ताह पहले ही हो गया था। तिब्बत में 1959 में 10 मार्च को चीनी अतिक्रमण के खिलाफ विद्रोह हुआ था। ठीक इसी तारीख को 2008 में ही तिब्बत में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसी की याद में 2008 से ही हर साल 10 मार्च को तिब्बत विद्रोह दिवस मनाया जाता है। इसलिए 2008 से हर साल तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र इस समय करीब एक महीने तक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाता है। 2019 में यह बंदी 30 जनवरी से 1 अप्रैल तक रही थी।

ल्हासा में कोरोना वायरस का पहला मामला आने के बाद तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के अधिकारियों ने लोगों को इस क्षेत्र में तब तक नहीं आने के लिए कहा है जब तक महामारी नियंत्रण में नहीं हो जाती। एक विशेषज्ञ ने तर्क दिया कि नोबल कोरोना वायरस से संक्रमित रोगी तिब्बत में बहुत अधिक गंभीर लक्षणों से पीड़ित होंगे क्योंकि यहां हवा में ऑक्सीजन की भारी कमी है।

अफवाहें फैलाने या सामूहिक प्रार्थना करने पर कैद की सजा

चीनी अधिकारियों ने तिब्बत और अन्य जगहों पर कोरोना वायरस के बारे में ष्अफवाहष् फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति को कई वर्षों तक जेल में रखने के गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है। टीएआर इंटरनेट सूचना कार्यालय ने ऑनलाइन पोस्टिंग पर सात-सूत्री परिपत्र जारी किया। परिपत्र का पहला बिंदु लोगों को ऐसी कोई भी सूचना शेयर करने से मना करती है जो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालती है, राष्ट्रीय एकता को कमजोर करती है, राज्य की शक्ति को प्रभावित करती है, समाजवादी व्यवस्था को पलटने वाली हो या जातीय घृणा, जातीय भेदभाव को उकसाती हो, अफवाहों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को कमजोर करती है और विवादों को भड़काने का काम करती हो।ष् परिपत्र के

दूसरे प्वाइंट में कहा गया है कि ष्सूचना नेटवर्क पर पार्टी की धार्मिक नीतियों पर हमला करने, धार्मिक अतिवाद और अलगाववादी विचारों को बढ़ावा देने, जनता में पार्टी और सरकार के प्रति असंतोष को उकसाने, शृंखलाबद्ध तरीके से सामूहिक समारोह आयोजित करने और पंथों या सामंती अंधविश्वासों का फैलाने के लिए सूचना नेटवर्क का उपयोग करने से सख्त मनाही की जाती है।

सरकारी मीडिया का एक आउटलेट ‘तिब्बत कमर्शियल डेली’ में अधिकारियों ने कहा कि ‘इस समय दुर्भावनापूर्ण सूचना का सृजन करनेवालों और अफवाह फैलाने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी।‘

इसी अखबार ने कहा कि 29 जनवरी को ‘झोउ’ नामके एक तिब्बती ने एक बयान पोस्ट करते हुए कहा कि ष्न्गारी (चीनीरू अली) में एक मामला (वायरस का) आया है और कहा कि इस पवत्रि भूमि में कोई भी सुरक्षित नहीं है। इस कार्य के लिए झोउ को आठ दिनों की हिरासत की सजा सुनाई गई।

तिब्बत की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन तिब्बती नेटकॉम बेवसाइट पर प्रसारित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि किंघई प्रांत के माल्हो में चेंत्सा (चीनीरू जियान्झा) काउंटी में लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीचैट के दो यूजरों को तिब्बती में एक अफवाह प्रसारित करने का दोषी पाया गया। अफवाह में उसने एक व्यक्त िके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की रिपोर्ट प्रसारित की थी। उनमें से एक को पांच दिन हिरासत में रखने की सजा दी गई और दूसरे पर 500 आरएमबी का जुर्माना लगाया गया।

रेडियो फ्री एशिया के अनुसार, टेंगचेन (डिंगकिंग) काउंटी में त्से नाम का एक शख्स को छह अन्य लोगों के साथ हिरासत में लिया गया था जिसने चामडो (चांगडू) में वीचैट पर एक संदेश पोस्ट कर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों से एक विशेष प्रार्थना को 10 बार करने और इसे 10 अन्य लोगों को भेजने का अनुरोध किया था।

आरएफए ने एक सरकारी मीडिया आउटलेट के हवाले से बताया कि उस व्यक्ति को सात दिनों की प्रशासनिक हिरासत की सजा दी गई।

आरएफए ने यह भी बताया कि हिरासत में लिए गए अन्य छह लोगों में से एक चामडो के गोंजो (गोंगजेउ) काउंटी का चेन नामका व्यक्ति था, जिसने 29 जनवरी को एक टिप्पणी ऑनलाइन पोस्ट की थी। इसमें कहा गया था कि मुख्य भूमि चीन के लोग गुप्त रूप से काउंटी में आ रहे हैं। सरकारी मीडिया आउटलेट पीपुल्स डेली द्वारा ष्चामडो के नागरिकों के बीच दहशत पैदा करने के आरोप में उसे सजा दी गई। सुरक्षा अधिकारियों ने तुरंत ‘स्थिति को स्पष्ट किया’ और चेन को हिरासत में ले लिया और उस पर 10 दिनों की नजरबंदी और 500 युआन (लगभग 72 अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना लगाया गया।

पार्टी को स्वास्थ्य से पहले रखना

वायरस के खिलाफ अभियान में तिब्बत में महामारी से निपटने में अग्रिम मोर्चे पर तैनात चिकित्सा कर्मियों की तुलना में पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों की भूमिका को आगे रखकर प्रचारित किया जा रहा है। गत 13 फरवरी को तिब्बत डेली में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के संगठनों और सदस्यों ने विभिन्न स्तरों पर आगे बढ़ने में साहस प्रदर्शित किया, जो ‘समस्याओं की तरह और खतरों से खेलने’ के समान था। उन्हें लोगों की मदद करने के प्रयास में इन खतरों का सामना करना पड़ा। उस समाचार रिपोर्ट का शीर्षक ही थारू ‘तिब्बत क्षेत्र के पार्टी कैडर भारी जिम्मेदारियों का वहन कर रहे हैं और महामारी को नियंत्रित करने और रोकने के लिए एक दृढ़ किले की तरह वहां जमे हुए हैं।‘

चीनी अधिकारियों ने लोगों को नियंत्रित करने और उन्हें क्वारंटाइन करने जैसे उपायों को लागू करने के लिए तिब्बत में हजारों सीसीपी कैडरों से गठित अपने ‘ग्रिड प्रबंधन’ नेटवर्क का उपयोग किया है, जिससे कम्युनिस्ट पार्टी की प्रशंसा हर अवसर पर सुनिश्चित हो रही है।

तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र  के शिगात्से (रिक्जे) में  865 पार्टी कैडरों की एक ‘कमांडो’ टीम ने लाल झंडे के नीचे पार्टी और लोगों के लिए संघर्ष करने में अपनी वफादारी का संकल्प लिया। तिब्बत दैनिक ने कहा कि पार्टी के कैडर जीवन भर कम्युनिज्म के लड़ते हैं। वे पार्टी और लोगों के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तैयार रहते हैं।‘

स्थिरता बनाए रखने और अनुपालन पर जोर

चीनी अधिकारियों ने महामारी के खिलाफ अभियान का उपयोग स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी किया है। तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में पार्टी के कार्यकारी उप सचिव डिंग येक्सियन ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए पिछले हफ्ते ल्हासा के ड्रेपंग, सेरा, रामोचे और जोखांग मठों का दौरा किया। उन्होंने मठवासी अधिकारियों को बताया कि टीएआर महामारी की रोकथाम में एक महत्वपूर्ण चरण में है और स्थिरता की स्थिति भी एक महत्वपूर्ण चरण में है।

सरकारी मीडिया के अनुसार, डिंग ने वायरस का मुकाबला करने को लेकर हुई एक बैठक में कहा किरू ‘हमें पार्टी के ध्वज के साथ सामाजिक स्थिरता को बनाए रखने और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में जमीनी स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं और संगठन की भूमिका को एक ठोस आधार देना चाहिए। ताकि पार्टी का झंडा संघर्ष में ऊंचा उठा रहे। हमें समग्र रूप से कोरोना वायरस की रोकथाम और और सामाजिक स्थिरता बनाए रखने पर नियंत्रण के लिए काम करना चाहिए और तिब्बत में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए संयुक्त रूप से सामाजिक स्थिरता की मजबूत लौह दीवार बनाने का काम करना चाहिए। ताकि आगे कोरोन वायरस को नियंत्रित करने और स्थिरता के खतरे को नियंत्रित करने में मदद मिले।‘

यहां तक कि जब पूरा देश कोरोना वायरस के प्रकोप से त्रस्त हो रहा है, सीसीपी का पूरा ध्यान  तिब्बत की सीमा को मजबूत करने पर केंद्रित है, जिसे चीन की कथित स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। तिब्बत सैन्य क्षेत्र ने हाल ही में ‘मॉडल सीमा स्थिरीकरण’ के लिए अपना पहला पुरस्कार समारोह आयोजित किया। सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए सरकार के मिशन में ‘लौह विश्वास’ बनाए रखने के लिए 25 जनवरी को समारोह को टीएआर में तैनात हजारों सैनिकों को प्रसारित किया गया था।  जिसमें सैनिकों ने हिम-भूमि में ‘युद्ध गीत’ गाते हुए सैन्य वीरता का संकेत दिया था।

कोरोना वायरस के विकट संकट के बावजूद 24 जनवरी को तिब्बत दैनिक ने बताया कि अधिकारियों ने एक नए अभियान की शुरुआत की है जिसके तहत एक करोड़ घरों से संपर्क करने के लिए 10 लाख पुलिस कर्मियों को लगाया जाएगा। पुलिस कर्मी इन घरों में जाएंगे, लोगों की चिंताओं का समाधान करेंगे, संघर्षों का समाधान करेंगे, जोखिमों को रोकेंगे, समस्याओं की जांच करेंगे और अराजकता को नियंत्रित करने का काम करेंगे।

वहां पर एकीकरण अधिकारियों का एक उदाहरण नागरिकों और सुरक्षा तंत्र और सेना के बीच दिया जाता है। नए अभियान में पुलिस की सभी जमीनी स्तर की इकाइयां शामिल हैं। पुलिस को बस्तयिों में, देहाती क्षेत्रों में, मंदिरों में,  मनोरंजन केंद्रों में हर जगह जाकर सुनश्चित करेंगे कि वे जनता के साथ निकट संपर्क बनाए हुए हैं।

कोरोना वायरस पीड़ितों के प्रति तिब्बतियों का सहानुभूति

एक ओर जहां चीनी सरकार कोरोनो वायरस महामारी का उपयोग तिब्बतियों की आजादी पर अपने प्रतिबंधों को आगे बढ़ाने के लिए कर रही है, वहीं तिब्बतियों ने खुद ही करुणा और चिंता के साथ प्रकोप के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है।

तिब्बती मठों द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दान दिए जाने के बारे में कई  तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं। उदाहरण के लिए, कुंबुम मठ ने वुहान शहर जहां प्रकोप शुरू हुआ, को एक अरब युआन का दान दिया। वह मास्क और चश्मे जैसी आवश्यक वस्तुओं की खरीद में मदद करने के लिए दान दे रहे हैं। इसी तरह  तिब्बती समुदायों द्वारा भी धन दान देने की भी खबरें आ रही हैं।

तिब्बतियों ने चीनी व्हिसलब्लोअर ली वेनलियानग की याद में जलाए जाने वाले घी के दिए की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कीं, जिन्होंने लोगों को इसके शुरू होने से पहले फैलने के बारे में चेतावनी देने की कोशिश की थी। लेकिन ऐसा करने के लिए अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया और उन्हें दंडित किया गया।


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