
धर्मशाला। दिल्ली स्थित राजनयिकों और विशेषज्ञों के एक समूह ने १७ जून को एफएनएफ के नेतृत्व में निर्वासित तिब्बती संसद का दौरा किया। इस दौरान १७ जून को ही समूह ने संसदीय सचिवालय में निर्वासित तिब्बती संसद के स्पीकर खेंपो सोनम तेनफेल और डिप्टी स्पीकरडोल्मा शेंरिंग तेखांग के साथ बैठक की। मेहमानों को तिब्बती संसद के हॉल में ले जाया गया, जहाँ उन्हें संसद के विकास, संरचना और कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दी गई।
समूह में विल्हेम टेक्सटाइल के प्रबंध निदेशक एरिक इलिग, नई दिल्ली में जर्मन दूतावास में राजनीतिक मंत्री काउंसलर सलाहकार मारियस ओसवाल्ड, कोच्चि में सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी रिसर्च के संस्थापक अध्यक्ष डी. धनुराज पीएचडी, एफएनएफ दक्षिण एशिया क्षेत्रीय कार्यालय के प्रमुख डॉ. कार्स्टन किसिन, एफएनएफ दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय परियोजना प्रबंधक फ्रैंक हॉफमैन, फएनएफ दक्षिण एशिया में वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक नूपुर हसीजा, एफएनएफ दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय आंतरिक लेखा परीक्षक शिक्षा खन्ना और स्वतंत्र जर्मन-अंग्रेजी अनुवादक रितु खन्ना शामिल थीं।
अतिथियों का स्वागत स्पीकर खेंपो सोनम तेनफेल और डिप्टी स्पीकर डोल्मा शेरिंग तेखांग ने किया। इसके बाद निर्वासित तिब्बती संसद हॉल के सुनियोजित दौरे में डिप्टी स्पीकर डोल्मा शेरिंग तेखांग ने अतिथियों को तिब्बती संसद की संरचना के बारे में बताया। उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे संसद बजटीय मामलों को प्राथमिकता देती है और अपने अर्धवार्षिक सत्रों के दौरान अपने कार्यपालिका के कामकाज की जांच करती है। इस जानकारीपूर्ण सत्र के दौरान मेहमानों को निर्वासित तिब्बती संसद के कामकाज और विकास के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने तिब्बत में जनसांख्यिकीय परिवर्तन, क्षय होते आजाद माहौल के विरोध में तिब्बतियों द्वारा किए गए दुखद आत्मदाह और क्षेत्र में गंभीर मानवाधिकार हनन के बारे में भी चिंता व्यक्त की। डिप्टी स्पीकर ने तिब्बत में रह रहे तिब्बतियों की आवाज को बुलंद करने में सहयोग करने के लिए आए मेहमानों से अपील की। इसके बाद स्थायी समिति के हॉल में एक बैठक हुई, जिसमें स्पीकर ने तिब्बती लोकतंत्र के उत्कर्ष में एफएनएफ के योगदान के लिए उसकी हार्दिक प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने तिब्बत का समर्थन करने के लिए यूरोपीय संसद में कई सदस्यों द्वारा किए गए वादों की भी प्रशंसा की। स्पीकर ने आने वाले मेहमानों को तिब्बती संसदीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा यूरोप की आगामी यात्राओं और अन्य पक्षधर अभियान कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। इसके बाद एक प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें डिप्टी स्पीकर ने मेहमानों के सवालों के जवाब दिए।