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नया अमेरिकी विधेयक तिब्बत, झिंझियांग के लिए नीतियों समेत चीन का मुकाबला करता है

April 22, 2021

अमरीकी राष्ट्रीपति जो बिडेन।

द यूएस एजेंसी फॉर ग्लोबल मीडिया पश्चिमी देशों में चीन के आक्रामक मीडिया निवेश का मुकाबला करने के लिए रेडियो फ्री एशिया की मंदारिन, तिब्बती, उग्यूर और कैंटोनीज़ भाषा सेवाओं के लिए धन में वृद्धि करेगी
शिशिर गुप्ता
हिन्दुस्तान टाइम्स
22 अप्रैल, 2021

अमेरिका ने चीन के अलोकतांत्रिक बर्ताव का मुकाबला करने के लिए अपने नए विधेयक में तिब्बत, ताइवान, हांगकांग, झिंझियांग तथा चीन के ही समस्याग्रस्त क्षेत्रों के लिए नीतियां तैयार की हैं। इस विधेयक का उद्देश्य चीन के उत्पीड़न के खिलाफ लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखना है। सीनेट की विदेश संबंध समिति द्वारा तैयार किया गया 283 पन्नों का यह विधेयक चीन की आर्थिक और भू-राजनीतिक शक्ति का मुकाबला करने के लिए है।

विधेयक की धारा- 136 में इस बात का उल्लेख है कि अमेरिका स्वतंत्र मीडिया का समर्थन कैसे करेगा और गलत सूचना का मुकाबला कैसे करेगा। धारा-136 कहती है कि ‘यूएस एजेंसी फॉर ग्लोबल मीडिया’ रेडियो फ्री एशिया की मंदारिन, तिब्बती, उग्यूर और कैंटोनीज़ भाषा सेवाओं के लिए धन बढ़ाएगी। इसमें इस बात का खुलासा किया गया है कि कैसे चीन पश्चिमी देशों में अपने प्रभाव विस्तार के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करता है। उदाहरण के लिए चीन ने ऑस्ट्रेलिया में केबल दर्शकों को आकर्षित करने के लिए एक विज्ञापन अभियान पर पांच अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए।

अप्रैल की शुरुआत में सामने आए इस विधेयक में अमेरिका और यूरोपीय राष्ट्र तिब्बत, हांगकांग और झिंझियांग में चीन सरकार द्वारा समर्थित दमन को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं। विधेयक में कहा गया है कि सरकार को इन क्षेत्रों में चीन की विशिष्ट दमनात्मक कार्रवाइयों से निपटने के लिए मानक उपायों को लागू करना चाहिए और दुनिया भर के देशों में चीन के सत्तावादी शासन मॉडल प्रचलित करने को रोकने के लिए संयुक्त तंत्र और कार्यक्रम निश्चित किए जाने चाहिए।

कनाडाई सांसदों ने ट्रुडू से ‘ट्रिप्स’ छूट का विरोध बंद करने का आह्वान किया।

विधेयक में कहा गया है कि जब अमेरिका अमेरिकी पूंजी बाजारों में चीनी कंपनियों की उपस्थिति की वार्षिक समीक्षा करेगा तो यह देखेगा कि क्या इन चीनी कंपनियों ने चीन के भीतर झिंझियांग-उग्यूर स्वायत्त क्षेत्र या तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के दमन में योगदान दिया है।

चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका ने अपनी क्षेत्रीय रणनीतियों में उन तिब्बती बौद्धों को शामिल किया है, जिनके बीच अमेरिका लोकतंत्र और मानवाधिकारों के मूल्यों को बढ़ावा देना चाहता है।

विधेयक ताइवान के साथ सामान्य संबंधों की बहाली का भी समर्थन करता है। हालांकि ताइवान को चीन अपना विद्रोही प्रांत मानता है। विधेयक की धारा- 212 में कहा गया है कि ताइवान को हिन्द-प्रशांत रणनीति के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में मान्यता देना संयुक्त राज्य अमेरिका की नीति है। नीति का उद्देश्य वृहत्तर हिंद-प्रशांत क्षेत्र आदि में निरंतर शांति और स्थिरता के लिए प्रमुख तत्वों के रूप में ताइवान और उसके लोकतंत्र की सुरक्षा को आगे बढ़ाना है।


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