भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

महामती प्राणनाथ पीजी कॉलेज ने यूपी के मऊ और चित्रकूट में ‘ए डे फॉर तिब्बत’ का आयोजन किया

December 12, 2021

छात्रों के साथ गणमान्य व्यक्तियों को भारत और तिब्बत पर निबंध लिखने के लिए सम्मानित किया गया

tibet.net / मऊ(चित्रकूट)। मध्य प्रदेश की उत्तरी सीमा के पास जहां उत्तर प्रदेश के मैदानों के खेत और वनस्पतियों के बजाय झाड़ियों और पौधों के साथ छोटी पहाड़ियों का इलाका शुरू होने लगता है, यहां पर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का चित्रकूट धाम अवस्थित है। उत्तर प्रदेश के इस चित्रकूट जिले की एक तहसील मऊ के महामती प्राणनाथ पीजी कॉलेज में ‘ए डे फॉर तिब्बत’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज- इंडिया के पूर्वी और मध्य यूपी के क्षेत्रीय संयोजक श्री सुंदरलाल सुमन यहां अपने सामाजिक और सामुदायिक सेवा कार्यों के अलावा, तिब्बत के साथ भारत के संबंधों के बारे में लोगों में जागरुकता फैलाने और तिब्बत मुद्दे को प्रचारित करने में भी सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। उन्हीं के  प्रयास और योजना के मुताबिक, उक्त परिसर में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  महामती प्राणनाथ पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ संतोष कुमार चतुर्वेदी ने कायक्रम में आए केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान सारनाथ में बौद्ध दर्शन संकाय के डॉ रमेश चंद्र नेगी, पी.एच.डी. के छात्र भिक्षु तेनज़िन न्यिमा और आईटीसीओ के समन्वयक श्री जिग्मे त्सुल्ट्रिम के साथ अन्य सभी अतिथियों का स्वागत किया।

दिवंगत माता बादल जायसवाल द्वारा १९७४में स्थापित एमएमपीएन पीजी कॉलेज को इस आयोजन के उत्सव के लिए इसके प्रवेश द्वार से आयोजन स्थल तक एक नया रूप दिया गया था। कार्यक्रम के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे समारोह के मुख्य अतिथि एमएमपीएन के राजनीति विज्ञान विभाग के डॉ. एस. कुनिल ने सरस्वती वंदना प्रार्थना के बाद यूपी के इस ग्रामीण इलाके में आज के आयोजन के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। श्री सुंदरलाल सुमन ने पारंपरिक माला पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर अतिथि वक्ताओं का परिचय कराया। उन्होंने भारत और तिब्बत विषय पर आयोजित की गई निबंध प्रतियोगिता के बारे में बताया, जिसमें कॉलेज के ३०छात्रों ने भाग लिया था। चूंकि इसे खुला रखा गया था और जबरदस्ती नहीं किया गया था, इसलिए आगे बढ़ते हुए उन्होंने कहा कि उन निबंधों की उच्च स्तरीय गुणवत्ता को देखते हुए पुरस्कार के लिए उनमें से कुछेक का चयन करने का उनका मन नहीं हुआ। इसलिए उन्होंने सभी को उनके बेहतर प्रयास के लिए सम्मानित करने का फैसला किया। इस प्रकार, इन सभी छात्रों को स्मारिका का टोकन देकर सम्मानित किया गया जो कम से कम तिब्बत पर कुछ संलग्न करने के लिए उनकी स्मृति के रूप में काम करेगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से रेखांकित किया कि आज के कार्यक्रम की योजना न केवल निबंध प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण के लिए बल्कि परम पावन दलाई लामा के नोबेल शांति पुरस्कार दिवस समारोह के साथ-साथ सार्वभौमिक मानवाधिकार दिवस के उत्सव के लिए भी बनाई गई थी।

इसके अलावा, वाराणसी के सारनाथ स्थित सीआईएचटीएस में बौद्ध अध्ययन संकाय के डॉ रमेश चंद्र नेगी ने तिब्बत के साथ भारत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और भौगोलिक संबंध के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने आधुनिक शिक्षा की व्यावहारिकताओं का पालन करते हुए पारंपरिक ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। ऐसा कहकर उन्होंने मानवीय मूल्यों की शिक्षा का संकेत दिया जिसे आधुनिक शिक्षा प्रणाली के विभिन्न रूपों में बंटा हुआ दिखाई देता है।

राष्ट्रगान के लिए खड़े गणमान्य व्यक्ति, कर्मचारी और छात्र

डॉ.नेगी ने संकाय से आग्रह किया कि एक ऐसा पाठ्यक्रम बनाया जाए जिसमें छात्रों को न केवल आज के लोकप्रिय संस्थानों और कॉलेजों के बारे में बल्कि नालंदा और तक्षशिला जैसे अतीत के संस्थानों के बारे में भी पता चलेगा जो भारत की शिक्षा और नैतिकता के केंद्र रहे हैं। उन्होंने आगे अनंत ज्ञान स्रोत के विस्तार की संभावना के बारे में प्रकाश डाला, जिसे आज की प्रौद्योगिकी ने अधिक सुलभ बना दिया है।

इस संबंध में क्रमशः तिब्बत के साथ भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक सीमाओं और पारिस्थितिकीय महत्व को जानने के दृष्टिकोण को साझा करते हुए आईटीसीओ के समन्वयक ने अपने संबोधन में मऊ जैसी जगह में इस ऐतिहासिक यात्रा में सहयोग करने के लिए कॉलेज, इसके प्राचार्य, प्रशासनिक सदस्यों और उनके सहयोगियों का बहुत धन्यवाद दिया। उन्होंने तिब्बत के इतिहास के शुरुआती दिनों से लेकर १९५० के दशक में विस्तारवादी कम्युनिस्ट चीन का शिकार नहीं होने तक तिब्बती लोगों के रंगीन जीवन के बारे में छात्रों को जानकारी दी।

डॉ रमेश चंद्र नेगी, सीआईएचटीएस सारनाथ, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए

कार्यक्रम के अंत में एमएमपीएन के प्राचार्य डॉ.संतोष कुमार चतुर्वेदी ने एक हिंदी कविता पढ़ी जो मूल रूप से भुचुंग डी. सोनम द्वारा लिखी गई थी, जो तिब्बती लोगों को अपनी मातृभूमि से अलग होने के दर्द को बयां करती है। फैकल्टी सदस्यों के साथ लगभग ५००छात्रों ने इस सत्र में भाग लिया और प्रश्नोत्तर के साथ कार्यक्रम को फलदायक बना दिया। इन छात्रों (विशेषकर अभिषेक, गीतांजलि, निकिता, शिबू दुबे और अन्य सहित छात्रों से) द्वारा किए गए प्रश्नों में वास्तविक चिंताओं, भावों और जिज्ञासाओं को देखा गया। कार्यक्रम ११:३० बजे शुरू हुआ और १४:३० बजे समाप्त हुआ।

कार्यक्रम को संबोधित करते श्री सुंदरलाल सुमन
आईटीसीओ समन्वयक श्री. जिग्मे त्सुल्ट्रिम कार्यक्रम को संबोधित करते

विशेष पोस्ट

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

13 May at 10:44 am

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

9 May at 11:40 am

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

9 May at 10:26 am

दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों का यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में कड़ा विरोध

8 May at 9:05 am

परम पावन दलाई लामा ने दीर्घायु प्रार्थना में भाग लिया

7 May at 9:10 am

संबंधित पोस्ट

कोऑर्डिनेटर थुप्तेन त्सेरिंग ने एमियन्स में तिब्बत समर्थकों से मुलाकात की, नुवो फ्रंट पॉपुलैरे के उप-प्रमुख फ्रांस्वा रुफिन से मिले

2 weeks ago

तिब्बत समर्थक समूह: शीर्ष तिब्बती लामा की मृत्यु की परिस्थितियों की पारदर्शी जांच होना जरूरी

4 weeks ago

चार्ज डी’अफेयर्स ट्रेसा रे फिनर्टी ने प्रतिनिधि थिनले चुक्की के साथ बैठक के दौरान तिब्बती लोगों के प्रति समर्थन की पुष्टि की

1 month ago

ऑल पार्टी इंडियन पार्लियामेंटरी फोरम फॉर तिब्बत ने नई दिल्ली स्थित संविधान सदन में बैठक बुलाई

2 months ago

तिब्बती एवं हिमालयी क्षेत्र की महिलाओं के अधिकार एवं सुरक्षा: भारत तिब्बत मैत्री संघ का महिला सम्मेलन 22-23 मार्च, 2025 को विश्व युवक केंद्र में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ

2 months ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service