भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

१५ देशों ने जारी अपने संयुक्त वक्तव्य में चीन से तिब्बत और पूर्वी तुर्किस्तान में मानवाधिकारों के हनन पर ध्यान देने की मांग की

October 24, 2024

संयुक्त राष्ट्र में ऑस्ट्रेलिया के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि जेम्स मार्टिन लार्सन तिब्बत और पूर्वी तुर्किस्तान में मानवाधिकारों के हनन पर एक संयुक्त बयान देते हुए। फोटो स्रोत: यूएन वेब टीवी

२२ अक्टूबर २०२४ को ऑस्ट्रेलिया के राजदूत और संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि जेम्स मैटिन लार्सन ने १५ देशों के गठबंधन की ओर से एक संयुक्त वक्तव्य दिया, जिसमें पूर्वी तुर्किस्तान और तिब्बत में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई और चीन से तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया गया। यह वक्तव्य संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति के ७९वें सत्र में मानवाधिकारों पर सामान्य चर्चा के दौरान प्रस्तुत किया गया।

कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आइसलैंड, जापान, लिथुआनिया, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, इंग्लैंड, अमेरिका सहित १४ अन्य देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए ऑस्ट्रेलिया के राजदूत लार्सन ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) और संयुक्त राष्ट्र के अन्य निकायों द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य के आधार पर गंभीर चिंताओं को उजागर किया। ये निष्कर्ष पूर्वी तुर्किस्तान में उग्यूरों और मुख्य रूप से मुस्लिमों समेत अन्य अल्पसंख्यकों को बड़े पैमाने पर मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने, परिवारों को अलग करने, जबरन गायब करने, जबरन मजदूरी कराने और व्यवस्थित दमन की ओर इशारा करते हैं। दो साल पहले जारी किए गए इस आकलन में इन उल्लंघनों को संभावित रूप से मानवता के खिलाफ अपराध के रूप में वर्णित किया गया था।

बयान में तिब्बत में मानवाधिकारों के हनन पर बढ़ती चिंताओं को भी रेखांकित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार तंत्र ने राजनीतिक विचारों की शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने, यात्रा पर प्रतिबंध, जबरन मजदूरी कराने, बोर्डिंग स्कूलों में बच्चों को परिवारों से जबरन अलग करने और तिब्बत में सांस्कृतिक, शैक्षिक और धार्मिक अधिकारों और स्वतंत्रता के क्षरण का विस्तृत विवरण दिया गया है।

राजदूत लार्सन ने कहा कि पारदर्शिता के लिए बार-बार अंतरराष्ट्रीय आह्वान के बावजूद चीन ने इन चिंताओं को खारिज कर दिया है और जुलाई २०२४ में अपने सार्वभौमिक आवधिक समीक्षा के दौरान ओएचसीएचआर के आकलन को ‘अवैध और निरर्थक’ करार दिया है। अगस्त २०२४ के ओएचसीएचआर के बयान के अनुसार, चीन ने अभी तक झिंझियांग में अपनी नीतियों की व्यापक मानवाधिकार समीक्षा नहीं की है, क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद निरोध पर इसके समस्याग्रस्त कानूनी ढांचे में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

१५ देशों ने चीन से अपने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों को बनाए रखने और ओएचसीएचआर और संयुक्त राष्ट्र के अन्य निकायों की सिफारिशों को पूरी तरह से लागू करने का आह्वान किया। इनमें पूर्वी तुर्किस्तान और तिब्बत दोनों में मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए लोगों की तत्काल रिहाई और लापता व्यक्तियों के भविष्य के बारे में पूरी पारदर्शिता दिखाना शामिल है। इसके अतिरिक्त, देशों ने चीन से इन क्षेत्रों में मानवाधिकारों की स्थिति का आकलन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सहित स्वतंत्र पर्यवेक्षकों को बेरोकटोक पहुंच की अनुमति देने का आग्रह किया।

हालांकि संयुक्त बयान का समापन करते हुए राजदूत लार्सन ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी देश का मानवाधिकार रिकॉर्ड सही नहीं है, लेकिन सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के प्रति जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। गठबंधन ने दुनिया भर में मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन में सामूहिक वैश्विक जिम्मेदारी का आग्रह किया।

संयुक्त वक्तव्य चीन द्वारा उसके अपने क्षेत्रों में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों को उजागर करने के लिए चल रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव को भी दर्शाता है, जो संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण घटना को इंगित करता है।

ऑस्ट्रेलिया ने तिब्बत और पूर्वी तुर्किस्तान में मानवाधिकारों के हनन पर संयुक्त राष्ट्र के वक्तव्य का नेतृत्व किया। फोटो स्रोत: यूएन वेब टीवी

विशेष पोस्ट

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

13 May at 10:44 am

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

9 May at 11:40 am

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

9 May at 10:26 am

दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों का यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में कड़ा विरोध

8 May at 9:05 am

परम पावन दलाई लामा ने दीर्घायु प्रार्थना में भाग लिया

7 May at 9:10 am

संबंधित पोस्ट

कोऑर्डिनेटर थुप्तेन त्सेरिंग ने एमियन्स में तिब्बत समर्थकों से मुलाकात की, नुवो फ्रंट पॉपुलैरे के उप-प्रमुख फ्रांस्वा रुफिन से मिले

2 weeks ago

तिब्बत समर्थक समूह: शीर्ष तिब्बती लामा की मृत्यु की परिस्थितियों की पारदर्शी जांच होना जरूरी

4 weeks ago

चार्ज डी’अफेयर्स ट्रेसा रे फिनर्टी ने प्रतिनिधि थिनले चुक्की के साथ बैठक के दौरान तिब्बती लोगों के प्रति समर्थन की पुष्टि की

1 month ago

ऑल पार्टी इंडियन पार्लियामेंटरी फोरम फॉर तिब्बत ने नई दिल्ली स्थित संविधान सदन में बैठक बुलाई

2 months ago

तिब्बती एवं हिमालयी क्षेत्र की महिलाओं के अधिकार एवं सुरक्षा: भारत तिब्बत मैत्री संघ का महिला सम्मेलन 22-23 मार्च, 2025 को विश्व युवक केंद्र में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ

2 months ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service